| शब्द का अर्थ | 
					
				| अतुल					 : | वि० [सं० न० ब०] [भाव० अतुलता] १. जिसकी तौल या अन्दाज न हो सके। अमित। असीम। २. बहुत अधिक। ३. जिसकी तुलना, बराबरी, या समानता किसी से न हो सके। पुं० १. तिलका पेड़। २. तिलपुष्पी। ३. कफ। बलगम। | 
			
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				| अतुलनीय					 : | वि [सं०√तुल् (परिणाम) +अनीयर्, न० त०] १. जिसकी तुलना या समानता न की जा सके। बेजोड़। २. अपरिमित। बेहद। | 
			
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				| अतुलित					 : | वि० [(सं√तुल्+क्त, न०त]) १. बिना तौला हुआ। २. अपरिमित। ३. असंख्य। ४. अनुपम। बेजोड़। | 
			
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				| अतुल्य					 : | वि [सं० न० त] १. जो तुल्य न हो। असमान। २. जिसकी तुलना या उपमा न हो सके। (इन्कम्पेरेबुल) | 
			
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				| अतुल्य-योगिता					 : | स्त्री० [सं० अतुल्य-योग, कर्म० स०, अतुल्ययोग+इनि, ततः तल् टाप्] तुल्य-योगिता काव्यालंकार का एक भेद जिसमें उपमेय और उपमान के कई सामान गुणों या धर्मों के रहते हुए भी किसी एक गुण या धर्म में असमानता या विरोध होने का वर्णन होता है। | 
			
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