| शब्द का अर्थ | 
					
				| कृत					 : | भू० कृ० [सं०√कृ (करना)+क्त] १. पूरा या संपन्न किया हुआ। २. संपादित। ३. बनाया हुआ। निर्मित। रचित। ४. (लेख्य) जो किसी बड़े अधिकारी के सामने उपस्थित करके हस्ताक्षरित करा लिया गया हो। (प्राचीन काल में ऐसा ही लेख्य प्रमाणिक माना जाता था)। पुं० [सं० ] १. सतयुग। २. पंद्रह प्रकार के दासों में से एक। ३. एक प्रकार का पासा। ४. चार की संख्या। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतक					 : | वि० [सं०√कृत+क्वुन्-अक] १. किया हुआ। कृत। २. (वस्तु) जो छलपूर्वक किसी अन्य वस्तु का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनाई गई हो। जाली। ३. कृत्रिम। ४. अनित्य। ५. दत्तक (पुत्र)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-कर्मा (र्मन्)					 : | वि० [ब० स०] दे० ‘कृतकार्य’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतकाज					 : | वि०=कृतकार्य।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतकाम					 : | वि० [ब० स०] जिसकी इच्छा या कामना पूर्ण हो गई हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतकारज					 : | वि०=कृतकार्य।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-कार्य					 : | वि० [ब० स०] १. जिसका किया हुआ कार्य, पूरा संपन्न या सिद्ध हो चुका हो। २. ठीक प्रकार से अपना काम करने वाला । ४. चतुर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-काल-दास					 : | पुं० [कृत-काल, कर्म० स० कृतकाल-दास, च० त०] कुछ काल या समय के लिए बना हुआ दास। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-कृत्य					 : | वि० [ब० स०] १. जिसने अपना कार्य पूरा कर लिया हो। २. जिसे अपने काम में पूरी सहायता मिली हो। ३. संतुष्ट तथा प्रसन्न। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतग्य					 : | वि०=कृतज्ञ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतघन					 : | वि०=कृतघ्न।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतघ्न					 : | वि० [सं० कृत√हन् (हिंसा)+टक्] [संज्ञा-कृतघ्नता] जो दूसरे के किये हुए उपकारों से अनभिज्ञ बनता हो। किसी के द्वारा अपने साथ की हुई भलाई भूल जानेवाला। एहसान या उपकार न माननेवाला। ‘कृतचेता’ या ‘कृतज्ञ’ का विपर्याय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतघ्नता					 : | स्त्री० [सं० कृतघ्न+तल्-टाप्] कृतघ्न होने की अवस्था या भाव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतघ्नताई					 : | स्त्री०=कृतघ्नता।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतघ्नी					 : | वि०=कृतघ्न।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-चेता (तस्)					 : | वि० [सं० ब० स०] किया हुआ उपकार माननेवाला। कृतज्ञा। ‘कृतघ्न’ का विपर्याय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतज्ञ					 : | वि० [सं० कृत√ज्ञा (जानना)+क] [संज्ञा-कृतज्ञता] किसी के किये हुए अनुग्रह या उपकार को आदरपूर्वक स्मरण रखनेवाला एहसान माननेवाला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतज्ञता					 : | स्त्री० [सं० कृतज्ञ+तल्-टाप्] कृतज्ञ होने की अवस्था या भाव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-दंड					 : | पुं० [ब० स०] यमराज। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-निंदक					 : | वि० [ष० त०] उपकार करनेवाले की भी निंदा या बुराई करनेवाला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-फल					 : | पुं० [ब० स०] १. शीतलचीनी। २. कोलशिंबी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-माल					 : | पुं० [ब० स०] अमलतास। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-माला					 : | स्त्री० [ब० स०] दक्षिण भारत की एक नदी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-मुख					 : | पुं० [ब० स०] पंडित। विद्वान। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-युग					 : | पुं० [कर्म० स०] सतयुग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-वर्मा (र्मन्)					 : | पुं० [ब० स०] १. राजा कृतवीर्य का भाई। २. वर्त्तमान अवसर्पिणी के तेरहवें अर्हत् के पिता (जैन)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-विद्य					 : | वि० [ब० स०] १. जिसने अच्छी तरह अध्ययन करके किसी विद्या का पूरा ज्ञान प्राप्त किया हो। जो किसी विद्या का पूरा पंडित हो। (स्काँलर) २. जो कोई काम करने में पूरी तरह अभ्यस्त हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-वीर्य					 : | पुं० [ब० स०] कृतवर्मा का भाई, जो राजा कनक का पुत्र था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-देवी (दिन्)					 : | वि० [सं० कृत√विद्(जानना)+णिनि] कृतज्ञ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-श्लेषण-संधि					 : | स्त्री० [कृत-श्लेषण, कर्म० स० कृतश्लेषण-संधि, मध्य० स०] मित्रों को बीच में डालकर की हुई ऐसी संधि जिससे युद्ध की संभावना न रह जाय। (कौ०)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-संकल्प					 : | वि० [ब० स०] जिसने कोई काम करने का पक्का निश्चय या संकल्प कर लिया हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-सापत्नी					 : | स्त्री० [ब० स०] ऐसी स्त्री जिसके पति ने उसके जीते जी दूसरा विवाह कर लिया हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत-हस्त					 : | वि० [ब० स०] हाथ से काम करने में निपुण। कुशल। दक्ष। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतांक					 : | भू० कृ० [सं० कृत-अंक, ब० स०] जिस पर कोई अंक या चिन्ह्र लगाया गया हो। अंकित या चिन्हित किया हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतांजलि					 : | वि० [कृत-अंजलि, ब० स०] जो हाथ जोड़े या बाँधे हुए हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतांत					 : | वि० [कृत-अंत, ब० स०] १. पूर्ण या समाप्त करनेवाला। २. अंत या नाश करनेवाला। पुं० १. यमराज। २. मृत्यु। ३. पाप। ४. देवता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतांता					 : | स्त्री० [सं० कृतांत+टाप्] रेणुका नामक सुगंधित द्रव्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृताकृत					 : | भू० कृ० [कृत-अकृत, द्व०स०] आधा तीहा किया हुआ। कुछ किया और कुछ छोड़ा हुआ। अधूरा। पुं० अधूरा काम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतात्मा (त्मन्)					 : | पुं० [कृतृ-आत्मन्, ब० स०] १. शुद्ध आत्मावाला मनुष्य। महात्मा। २. पुण्य तथा स्तुत्य काम करनेवाला व्यक्ति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतात्यय					 : | पुं० [कृत-अत्यय, ष० त०] भोग द्वारा कर्मों का होने वाला नाश (सांख्य)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतान्न					 : | पुं० [कृत-अन्न, कर्म० स०] १. पकाया या पचाया हुआ अन्न। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतापराध					 : | वि० [कृत-अपराध० ब० स०] जिसने कोई अपराध किया हो। अपराधी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृताभिषेक					 : | वि० [कृत-अभिषेक, ब० स०] जिसका अभिषेक हो चुका हो। पुं० राजा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतार्घ					 : | पुं० [कृत-अर्घ, ब० स०] गत अवसर्पिणी के १९ वें अर्हत् का नाम (जैन)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतार्थ					 : | वि० [कृत-अर्थ, ब० स०] [भाव० कृतार्थता] १. जिसका उद्धेश्य सिद्ध हुआ हो। २. जो अपने उद्धेश्य की सिद्धि के कारण प्रसन्न या संतुष्ट हो। ३. संतुष्ट। ४. कुशल। ५. मुक्ति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतालक					 : | पुं० [कृत-अलक, ब० स०] शिव का एक गण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतालय					 : | वि० [कृत-आलय, ब० स०] जो अपने घर में बसा हुआ हो या रहता हो। पुं० मेढ़क। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतावधि					 : | वि० [कृत-अवधि० ब० स०] जिसकी अवधि सीमा या हद नियत या निश्चित हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृताह्वान					 : | वि० [कृत-आह्ववान, ब० स०] जो कोई काम करने के लिए पुकारा, बुलाया या ललकारा गया हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृति					 : | स्त्री० [सं०√कृ+क्तिन्] १. वह जो कुछ किया गया हो। किया हुआ काम। कार्य। २. चित्र, ग्रन्थ वास्तु आदि के रूप में बनाई हुई वस्तु। ३. कोई अच्छा, बड़ा या प्रशंसनीय काम। ४. इंद्रजाल। जादू। ५. बीस अक्षरों वाले छंदों की संज्ञा। पुं० विष्णु का एक नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृति-कर					 : | पुं० [ब० स०] रावण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतिका					 : | स्त्री०=कृत्तिका। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतिवास					 : | पुं० =तिवास। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृति-स्वाध्य					 : | पुं० [ष० त०] दे० ‘स्वामित्व’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृती (तिन					 : | पुं० [सं० कृत+इनि] १. ऐसा व्यक्ति जिसने बहुत बड़ा प्रशंसनीय अथवा स्तुल्य काम किया हो। २. वह जिसने पूर्व जन्म में अच्छे कर्म किये हुए हों। फलतः भाग्यवान्। वि० १. कुशल। दक्ष। २. पुण्यात्मा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतु					 : | वि०-कृत। पुं० =क्ततु। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतोदक					 : | वि० [कृत-उदक, ब० स०] १. जो नहा चुका हो। स्नान। २. जिस पर जल पड़ चुका हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृतोद्वाह					 : | वि० [कृत-उद्वाह, ब० स०] जिसने विवाह कर लिया हो। विवाहित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्त					 : | वि० [सं०√कृत्त (काटना)+क्त] १. कटा हुआ। विभक्त। २. अभिलषित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्ति					 : | स्त्री० [सं०√कृत्+क्तिन्] १. मृगचर्म। २. चर्म। खाल। ३. भोजन पत्र। ४. कृत्तिका नक्षत्र। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्तिकांजि					 : | पुं० [सं० कृत्तिका-अञ्जि, ब० स०] अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े के मस्तक पर लगाया जानेवाला तिलक, जो शकटाकार होता था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्तिका					 : | स्त्री० [सं०√कृत्त+तकिन्, टाप्] १. २७ नक्षत्रों में से तीसरा नक्षत्र। २. छकड़ा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्तिवास					 : | पुं० [सं० कृत्ति√वस् (आच्छादन)+अण्, उप० स०] महादेव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्तिवासा (सस्)					 : | पुं० [सं० ब० स०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्य					 : | पुं० [सं०√कृ (करना)+क्यपु, तुगागम] १. वह जो कुछ किया जाय। काम। २. वेद-विहित अथवा धार्मिक दृष्टि से किये जानेवाले कार्य। ३. वे कार्य जो किसी पदाधिकारी को विशेष रूप से विधिवत् करने पड़ते हैं। (फंक्शन)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्यका					 : | स्त्री० [सं० कृत्य+कन्,टाप्] चुडैंल। डाकिनी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्यवाह					 : | पुं० [सं० कृत्य√वह् (चलाना)+अण्] ऐसा व्यक्ति, जिसके जिम्मे या जिस पर कोई काम करने का भार हो। किसी पद पर रहकर उसके सब कार्य चलानेवाला। (फंक्शनरी) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्यविद्					 : | वि० [सं० कृत्य√विद् (जानना)+क्विप्, उप० स०] जिसे अपने कर्त्तव्यों या कृत्यों का ज्ञान हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्या					 : | स्त्री० [सं० कृत्य+टाप्] १. एक राक्षसी, जिसे तांत्रिक अपने अनुष्ठान से उत्पन्न करके किसी शत्रु को विनाश करने के लिए भेजते हैं। २. दुष्ट स्त्री। ३. अभिचार। ४. सर्वनाश करनेवाली कोई चीज या बात। उदाहरण—रिषि सक्रोध इक जटा उपारी। सो कृत्या भइ ज्वाला भारी।—सूर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्याकृत्य					 : | वि० [सं० कृत्य-अकृत्य, द्व० स०] कृत्य और अकृत्य। करने और न करने योग्य कार्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्या-दूषण					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. कृत्या (किसी के किये हुए अभिचार अथवा राक्षसी) के प्रतीकार के लिए किया जानेवाला एक प्रकार का तांत्रिक कृत्य। २. कृत्या का दोष निवारण करनेवाली एक प्रकार की ओषधि। ३. कृत्या का दोष निवारण करनेवाले एक ऋषि। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्रिम					 : | वि० [सं०√कृ+क्त्रि, मप्] १. जो प्राकृतिक न हो, बल्कि जिसे मनुष्य स्वंय किसी प्राकृतिक वस्तु के अनुकरण पर बनाया हो। जैसे—कृत्रिम दाँत, कृत्रिम सोना। २. दिखावटी। बनावटी। जैसे—कृत्रिम हँसी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्रिम-धूप					 : | पुं० [कर्म० स०] अनेक प्रकार के सुगंधित द्रव्यों को मिलाकर बनाया जानेवाला एक प्रकार का धूप। दशांगादि धूप। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्स					 : | पुं० [सं०√कृत् (छेदन)+स] १. जल। २. समुदाय। ३. पाप। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कृत्स्न					 : | वि० [सं०√कृत्+करन्] पूरा। संपूर्ण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |