शब्द का अर्थ
|
छप :
|
स्त्री० [अनु०] १. किसी तरल पदार्थ (जैसे–जल) अथवा किसी गाढ़े तरल पदार्थ (जैसे–कीचड़) में किसी चीज के आ गिरने से होनेवाला शब्द। २. जोर से छींटा पड़ने का शब्द। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपकना :
|
स० [हिं० छप (अनु०)] किसी चीज से आघात करना। मारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपका :
|
पुं० [हिं० छपकना] १. बाँस आदि की कमाची। २. पतली छड़ी। पुं० [अनु०] १. कोई चीज कीचड़, जल आदि में फेंककर उसे उछालने की क्रिया या भाव। २. पानी आदि की छींटा। ३. कीचड़ या पानी के छीटें का कपड़े आदि पर पड़ा हुआ धब्बा। ४. लकड़ी के संदूक के ढक्कन में की वह पटरी जिसमें जंजीर लगी रहती है। पुं० सिर पर पहनने का एक आभूषण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपछप :
|
स्त्री० [अनु०] धारा के किसी चीज से बार-बार टकराने से अथवा किसी चीज को बार-बार धारा में फेंकने से होनेवाला शब्द। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपछपाना :
|
अ० [हिं० छपछप] छप-छप शब्द होना। स० छप-छप शब्द उत्पन्न करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपटना :
|
अ० [सं० चिपिट] १. चिपकना। २. आलिंगित होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपटाना :
|
स० [हिं० छपटना] १. चिपकाना। २. आलिंगन करना। छाती से लगाना। उदाहरण–छिति-पति उमगि उठाइ छोहि छाती छपटायौ।–रत्नाकर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपद :
|
पुं० [सं० षट्पद] भौरा। भ्रमर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपन :
|
वि० [हिं० छिपना] छिपा हुआ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० क्षपण] नाश। संहार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरनहार :
|
वि० [हिं० छपन+हारा (प्रत्यय)] नाश या संहार करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपना :
|
अ० [हिं० छापना] १. ठप्पे, साँचे आदि की छाप से युक्त होना। ठप्पे या सांचे से चिन्हित होना। जैसे–धोती छपना। २. कागज, पुस्तक आदि का छपकर तैयार होना। मुद्रित होना। जैसे–कोश छपना। ३. किसी कृति, घटना आदि का प्रकाशित होना। जैसे–कविता, लेख या समाचार छपना। ४. छापे में सीसे के बैठाए हुए अक्षरों का अंकित, चिन्हित या मुद्रित होना। अ०=छिपना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरखट :
|
स्त्री० [हिं० छप्पर+खाट] वह पलंग जिसके ऊपर डंडों के सहारे कपड़ा तना हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपर-खाट :
|
स्त्री०=छपरखट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपर-छपर :
|
स्त्री०=छपछप। क्रि० वि० छपछप करते हुए। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरबंद :
|
वि० पुं०=छप्परबंद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरबंदी :
|
स्त्री०=छप्परबंदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरा :
|
पुं० [हिं० छप्पर] १. छप्पर। २. बाँस का टोकरा जो पत्तों में मढ़ा होता है तथा जिसमें तमोली पान रखते हैं।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरिया :
|
स्त्री=छपरी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरिहाना :
|
अ० [हिं० छप्पर] १. छप्पर का गिरना या टूटना। २. छप्पर से गिरना या गिरकर टूटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपरी :
|
स्त्री० [हिं० छप्पर का अल्पा० रूप] १. छोटा छप्पर। २. झोपड़ी (जिसका छोटा सा छप्पर होता है)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपवाई :
|
स्त्री०=छपाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपवाना :
|
स०=छपाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपवैया :
|
वि० [हिं० छापना] छापनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपही :
|
स्त्री० [देश०] उंगलियों में पहनने का एक गहना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपा :
|
स्त्री० [सं० छपा] १. रात्रि। २. हलदी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपाई :
|
स्त्री० [हिं० छापना] छपने या छापने की क्रिया, ढंग, भाव या पारिश्रमिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपाकर :
|
पुं० [सं० क्षपाकर] १. चंद्रमा। २. कपूर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपाका :
|
पुं० [अनु० छपछप] १. कीचड़ पानी आदि में कोई चीज फेंकने से होनेवाला छप शब्द। ३. छींटा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपाना :
|
स० [हिं० छापना] १. छापने (दे० छापना) का काम दूसरे से कराना। २. शीतला का टीका लगवाना। स०=छिपाना। उदाहरण–उठि रेनु रवि गयउ छपाई।–तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ० [अनु० छप छप] खेत का सींचा जाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपानाथ :
|
पुं० [सं० क्षपानाथ] चंद्रमा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छपाव :
|
पुं०=छिपाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छप्पन :
|
वि० [सं० षट्पंटाशत्, प्रा० छप्पणम्, छप्पण] जो गिनती में पचास से छः अधिक हो। पुं० उक्त संख्या का सूचक अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है।–५६। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छप्पन-भोग :
|
पुं० [हिं० छप्पन+सं० भोग] छप्पन प्रकार के व्यंजन। तरह-तरह की खाद्य वस्तुएँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छप्पय :
|
पुं० [सं० षट्पद] छः चरणोंवाला एक मात्रिक छंद जिसके पहले चरण में रोला के और फिर दो चरण उल्लाला के होते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छप्पर :
|
पुं० [सं० छत्त्वर, प्रा० छप्पर, बँ० छापर, ओ० छपर, पं० ल्हां० छप्पर, सि० छरू, गु० छाप्रो, ने० छाप्रो, मरा० छप्पर] १. कच्चे मकानों, झोपड़ियों आदि की वह छाजन जो बाँसों, लकड़ियों तथा फूस की बनी होती है। मुहावरा–(किसी पर) छप्पर टूट पड़ना=एकाएक कोई विपत्ति या संकट आ पड़ना। (किसी को) छप्पर पर रखना=नगण्य समझना। (किसी को) छप्पर फाड़कर देना=अनायास और बहुत अधिक देना। २. झोपड़ी या मकान जिसकी छाजन फूस आदि की हो। ३. किसी प्रकार का आवरण जो रक्षा के लिए ऊपर लगाया जाय। जैसे–नाव पर का छप्पर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |