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			| शब्द का अर्थ |  
				| तिआह					 : | पुं० [हिं० ति+सं० विवाह] १. किसी का (दो बार विधवा या विधुर हो चुकने पर) तीसरी बार होनेवाला विवाह। २. वह व्यक्ति जिसका इस प्रकार तीसरी बार विवाह हुआ हो। पुं० [सं० त्रि+पक्ष] वह श्राद्ध जो किसी के मृत्यु के पैतालीसवें दिन अर्थात् तीन पक्ष पूरे होने पर किया जाता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |