| शब्द का अर्थ | 
					
				| दग्ध					 : | वि० [सं० दह (जलाना)+क्त] १. जला या जलाया हुआ। २. जिसके शरीर पर दागे जाने का कोई चिह्न हो। ३. जिसे बहुत अधिक मानसिक कष्ट या संताप हुआ हो। परम दुःखी और संतप्त। ४. अशुभ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्ध-काक					 : | पुं० [कर्म० स०] डोम कौवा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्ध-मंत्र					 : | पुं० [कर्म० स०] तंत्र के अनुसार वह मंत्र जिसके मूर्द्धा प्रदेश में वह्नि और वायु-युक्त वर्ण हों। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्ध-रथ					 : | पुं० [ब० स०] इंद्र का सारथी चित्ररथ गंधर्व। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्ध-रुहा					 : | स्त्री० [सं० दग्धरूह+टाप्] कुरू नामक वृक्ष। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्धा					 : | स्त्री० [सं० दग्ध+टाप्] १. सूर्य के अस्त होने की दिशा। पश्चिम दिशा। २. कुरू नामक वृक्ष। ३. ज्योतिष में कुछ विशिष्ट राशियों से युक्त होने पर कुछ विशिष्ट तिथियों की संज्ञा। वि०, पुं० [सं०√दह् (जलाना)+तृच्] जलाने वाला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्धाक्षर					 : | पुं० [सं० दग्ध-अक्षर, कर्म० स०] पिंगल के अनुसार झ, ह, र, भ, और ष ये पाँचों अक्षर, जिनका छंद के आरंभ में रखना वर्जित है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्धाह्न					 : | पुं० [सं० दग्ध-आह्वा, ब० स०] एक तरह का वृक्ष। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्धिका					 : | स्त्री० [सं० द्ग्धा+कन्—टाप्, ह्लस्व, इत्व]=दग्धा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्धित					 : | वि०=दग्ध।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| दग्धेष्टका					 : | स्त्री० [सं० दग्धा-इष्टका, कर्म० स०] झाँवाँ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |