शब्द का अर्थ
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फसल :
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स्त्री० [अ० फस्ल] १. ऋतु। मौसम। २. उपयुक्त काल या समय। जैसे—गेहूँ या चना होने की फसल। ३. खेत में बोये हुआ अनाजों आदि की पैदावार। (साधारणतः वर्ष में दो फसलें होती हैं—रबी और खरीफ) ४. खेत में खड़े हुए अनाजों आदि के पौधे। (क्राप) ५. दाने आदि निकालने के लिए उक्त के काटे हुए अंश या बालें (हार्वेस्ट) ६. अध्याय। प्रकरण। |
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फसली :
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वि० [हिं० फसल] १. फसल-संबंधी। फसल का। २. किसी विशिष्ट फसल या ऋतु में होनेवाला। जैसे—फसली बीमारी, फसली बुखार। स्त्री० हैजा नामक रोग। |
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फसली कौआ :
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पुं० [अ० फस्ल+हिं० कौआ] १. पहाड़ी कौआ जो शीत ऋतु में पहाड़ से उतरकर मैदान में चला जाता है। २. वह जो केवल अच्छे समय में अपना स्वार्थ साधन करने के लिए किसी के साथ लगा रहे और उसकी विपत्ति के समय काम न आये। स्वार्थी। मतलबी। |
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फसली बीमारी :
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स्त्री० [हिं०] हैजा नामक रोग। |
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फसली-बुखार :
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पुं० [अ० फस्ल+बुखार] १. दो ऋतुओं के संधिकाल के समय होनेवाला ज्वर। २. वर्षा ऋतु में जाड़ा देकर आनेवाला बुखार। जूड़ी। (मलेरिया)। |
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फसली सन् :
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पुं० [?] एक प्रकार का सन् या संवत्। सम्राट अकबर द्वारा चलाया गया एक सन् जिसका उपयोग आजकल जमीन, लगान, मालगुजारी आदि का हिसाब रखने के कामों में होता है। इसका आरंभ भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा से होता है। |
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