शब्द का अर्थ
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बंस :
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पुं०=वंश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बंसकपूर :
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पुं०=बंस-लोचन। |
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समानार्थी शब्द-
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बंसकार :
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पुं० [सं० वंश] बाँसुरी। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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बँसगर :
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पुं० [हिं० बाँस+फा० गर (प्रत्यय)] बाँस की चटाइयाँ टोकरियाँ आदि बनानेवाला व्यक्ति। वि० [सं० वंश] अच्छे वंशवाला। कुलीन। |
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समानार्थी शब्द-
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बँस-दिया :
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पुं० [हिं० बाँस+दिया] गाड़े हुए बाँस के ऊपरी सिरे पर लटकाया जानेवाला दीया। विशेष दे० ‘आकाश दीप’। |
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समानार्थी शब्द-
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बंसमुरगी :
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स्त्री० [हिं० बाँस+मुरगी] एक प्रकार की चिड़िया जो तालों के किनारे तथा घनी झाड़ियों के आस-पास रहती है। इसे दहक भी कहते हैं। |
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बंसरी :
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स्त्री०=बाँसुरी। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बँसली :
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स्त्री०=बाँसुरी। |
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समानार्थी शब्द-
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बंस-लोचन :
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पुं०=वंशलोचन। |
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समानार्थी शब्द-
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बँसवाड़ा :
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पुं० [हिं० बाँस+बाड़ा (प्रत्यय)] [स्त्री० अल्पा० बँसवाड़ी] १. वह बाजार या मुहल्ला जहाँ बाँस बेचनेवालों की बहुत सी दुकानें या घर हों। २. एक जगह उगे हुए बाँसों का समूह। कोठी। |
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बँसवार :
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पुं० [स्त्री० अल्पा० बँसवारी]=बँसवाड़ा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बँसहटा :
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पुं० [हिं० बाँस] [स्त्री० अल्पा० बँसहटी] वह चारपाई जिसमें पाटी की जगह बाँस लगे हुए हों। |
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बंसार :
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पुं० [देश] बंसगार (लश्करी)। |
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बंसी :
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स्त्री० [सं० वंशी] १. बाँसुरी। बंशी। २. देवताओं के चरणों में मानी जानेवाली एक प्रकार की रेखा जो बाँसुरी के आकार की होती है। ३. लाक्षणिक अर्थ में कोई चीज या बात जिससे किसी को फँसाया जाता हो। ४. धान के खेतों मे होनेवाली एक प्रकार की घास। बाँसी। ५. एक प्रकार का गेहूँ। ६. तीस परमाणुओं की एक तौल त्रणरेणु। स्त्री० [सं० वरिशी] मछली फँसाने की कँटिया। |
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बंसीधर :
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पुं०=वंशीधर (श्रीकृष्ण)। |
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बँसुला, बँसूला :
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पुं०=वसूला। |
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बँसोर :
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पुं० [हिं० बाँस] बाँस की चटाइयाँ, टोकरियाँ आदि बनानेवाली एक जाति। |
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बँसवारा :
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वि० [सं० वयस+ हि० वाला (प्रत्य०)] [स्त्री० बैसवारी] जवान। युवक। पुं०=बैसवाड़ा। |
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