शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

माथ  : पुं० =माथा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथना  : सं०=मथना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथ-बंधन  : पुं० [हिं० माथा+सं० बंधन] १. सिर पर लपेटने या बाँधने का कपड़ा। जैसे—पगड़ी, साफा आदि। २. स्त्रियों की चोटी बाँधने की डोरी। चोटी। पराँदा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथा  : पुं० [सं० मस्तक] १. सिर का अगला भाग। मस्तक। पद—माथा-पच्ची, माथा-पिट्टन। मुहावरा—(किसी के आगे या सामने) माथा घिसना=बहुत दीनता या नम्रतापूर्वक मिन्नत या खुशामद करना। माथा टेकना=सिर झुकाकर प्रणाम करना। माथा ठनकना= (क) सिर में हलकी धमक या पीड़ा होना। (ख) लाक्षणिक रूप में पहले से ही किसी दुर्घटना या बाधा होने की आसंका होना। माथा रगड़ना=दे० ऊपर माथा घिसना। माथे चढ़ना=शिरोधार्य करना। (किसी के) माथे का टीका होना=कोई ऐसी विशेषता होना जिसके कारण महत्त्व या श्रेष्ठता प्राप्त हो। माथे पर बल पड़ना=आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना। माथे भाग होना=भाग्यवान् होना। (कोई चीज किसी के) माथे मारना=बहुत उपेक्षापूर्वक या तुच्छ भाव से देना। जैसे—वह रोज तमाशा करता है, उसकी किताब उसके माथे मारो। २. ऐसा अंकन या चित्र जिसमें केवल मुख और मस्तक बना हो, धड आदि शेष अंग न दिखाये गये हों। विशेष—शेष मुहावरों के लिए देखे सिर के मुहावरा। ३. किसी पदार्थ का अगला और ऊपरी भाग। जैसे—नाव का माथा। मुहावरा—माथा मारना=जहाज का वायु के विपरीत जोर मारकर चलना (लश०) पुं० [देश] एक प्रकार का रेशमी कपड़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथा-पच्ची  : स्त्री० [हिं० माथा+पचाना] किसी काम या बात के लिए बहुत अधिक बोलने या समझने-समझाने के लिए होनेवाला ऐसा परिश्रम जिससे जी ऊब जाय या शरीर थक जाय। सिर-पच्ची।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथा-पिट्टन  : स्त्री० [सं० माथा+पीटना] १. दुःख आदि के समय अपना सिर पीटने की क्रिया या भाव। २. दे० ‘माथा-पच्ची’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथुर  : पुं० [सं० मथुरा+अण्०] [स्त्री० मथुरानी] १. मथुरा का निवासी। २. मथुरा में रहनेवाले चतुर्वेदी ब्राह्मण। चौबे। २. कायस्थों में एक जाति या वर्ग। ४. वैश्यों में एक जाति या वर्ग। ४. मथुरा और उसके आस-पास का प्रदेश। ब्रज-मंडल। वि० मथुरा-संबंधी। मथुरा का।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथे  : क्रि० वि० [हिं० माथा] मस्तक पर। अव्य०=मत्थे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
माथै  : अव्य०=मत्थे। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ