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साफ  : वि० [अ० साफ़] [भाव० सफाई] १. जिस पर या जिसमें कुछ भी धूल, मैल आदि न हो। निर्मल। ‘गंदा’ या ‘मैला’ का विपर्याय। जैसे—साफ कपड़ा, साफ पानी, साफ शीशा। २. जो दोष, विकार आदि से रहित हो। जैसे—साफ तबियत, साफ दिल, साफ हवा। ३. जिसमें किसी प्रकार का खोट या मिलावट न हो। खालिश। जैसे—साफ दूध, साफ सोना। ४. जिसका तल ऊबड़-खाबड़, गाँठदार या शाखा-प्रशाखाओं से युक्त न हो। समतल। जैसे—साफ रास्ता, साफ लकड़ी। ५. जिसकी बनावट।, रचना, रूप आदि में कोई त्रुटि या दोष न हो। जैसे—साफ तसवीर, साफ लिखावट। ६. जिसमें किसी प्रकार का छल, कपट या धोखा-धड़ी न हो। नैतिक दृष्टि से बिलकुल ठीक और छल, कपट या धोखा-धड़ी न हो। नैतिक दृष्टि से बिलकुल ठीक और शुद्ध। जैसे—साफ बरताव, साफ मामला, साफ लेन-देन। ७. जो इतना स्पष्ट हो कि उसके संबंध में किसी प्रकार का भ्रम या संदेह न रह गया हो। जैसे—अभी बात साफ नहीं हुई। ८. जिसमें किसी प्रकार का अंधकार या धुँधलापन न हो। देखने में निर्मल और स्वच्छ। जैसे—साफ आसमान, साफ रोशनी। ९. (कार्य) जिसके सम्पादन में अनुचित या नियम-विरुद्ध बात न हो। जैसे—साफ खेल, साफ लेन-देन। १॰. (उक्ति या कथन) जिसमें किसी प्रकार का छिपाव या दुराव न हो। निश्चल और स्पष्ट रूप से कहा हुआ। जैसे—साफ इन्कार, साफ जवाब। पद—साफ और सीधा= (क) स्पष्ट और बाधाहीन। (ख) स्पष्ट और उपयुक्त। मुहा०—साफ साफ सुनाना=बिलकुल स्पष्ट और ठीक बात कहना। खरी बात कहना। ११. जो स्पष्ट सुनाई पड़े या समझ में आवे। जिसके समझने या सुनने में कोई कठिनाई न हो। जैसे—साफ आवाज, साफ खबर, साफ प्रतिलिपि। १२. जिसके तल पर कुछ भी अंकित न हो। जैसे—साफ कागज। १३. जिसमें कुछ भी तत्त्व या दम न रह गया हो। जैसे—(क) मुकदमे में उन्हें पूरी तरह से साफ कर दिया। (ख) हैजे में गाँव के गाँव साफ हो गये। १४. जिसका पूरी तरह से अंत कर दिया गया हो। समाप्त किया हुआ। जैसे—(क) इस लड़ाई में दोनों तरफ की बहुत सी फौज साफ हो गई। (ख) कुछ ही दिनों मे उसने घर का सारा माल साफ कर दिया। १५. (ऋण या देन) जो पूरी तरह से चुका दिया गया हो। चुकता किया हुआ। जैसे—जब तक कर्ज साफ न कर लो, तब तक कुछ भी फजूल खरच मत करो। १६. जो अनावश्यक या रद्दी अंश निकालकर ठीक और काम में आने लायक कर दिया गया हो। जैसे—दस्तावेज का मसौदा साफ करना। अव्य० १. निश्चित और स्पष्ट रूप से। पूरी तरह से। जैसे—यह साफ जाहिर है कि किताब आप ही ले गये हैं। २. इस प्रकार कि किसी को कुछ पता न चल सके या कोई कुछ भी बाधक न हो सके। जैसे—कहीं से कोई चीज़ साफ उड़ा ले जाना। ३. इस प्रकार कि कुछ भी आँच न आने पाए। बिना कुछ भी कष्ट भागों या हानि सहे। जैसे—किसी संकट से साफ बच निकलना। ४. बिना लांछित हुए। निर्दोष भाव या रूप से। जैसे—किसी मुकदमे से साफ छूटना। ५. निरा। बिलकुल। जैसे—यह तो साफ झूठ या (बेईमानी) है।
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साफल्य  : पुं० [सं० सफल+ष्यञ्] १. सफल होने की अवस्था या भाव। सफलता। २. कृतकार्यता। ३. प्राप्ति। लाभ।
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साफा  : पुं० [अ० साफ़] १. सिर पर बाँधने की पगड़ी। मुरेठा। मुड़ासा। २. पहनने के कपड़ों आदि में साबुन लगाकर उन्हें साफ करने की क्रिया। क्रि० प्र०—देना-लगाना। पद—साफा-पानी=नगर के बाहर कहीं एकान्त में बाहर जाकर भाँग पीने और कपड़ों में साबुन लगाकर उन्हें साफ करने की क्रिया। ३. शिकारी जानवरों को शिकार करने के लिए या कबूतरों को दूर तक उड़ने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से उन्हें उपवास कराना कि उनका पेट साफ हो जाय और शरीर भारी न रहे। क्रि० प्र०—देना।
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साफी  : स्त्री० [अ० साफ़] १. हाथ में रखने का रूमाल। दस्ती। २. वह कपड़ा जिसमें पीसी और घोली हुई भाँग छानते हैं। ३. चिलम के नीचे लपेटा जानेवाला कपड़ा। ४. कपडे का वह टुकड़ा जिसकी सहायता से चूल्हें पर से बरतन उतारा जाता है। ५. एक प्रकार का रंदा। वि० १. साफ करनेवाला। २. खून साफ करनेवाला (औषध)।
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