शब्द का अर्थ
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सुतार :
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वि० [सं०] १. चमकीला। २. जिसकी आँखों की पुतलियाँ सुन्दर हों। पुं० १. एक प्रकार का सुगन्धित द्रव्य। २. गुरु से पढ़े हुए अध्यात्म शास्त्र का ठीक और पूरा ज्ञान जिसकी गिनती सांख्य-दर्शन में सिद्धियों में की गई है। पुं० [सं० सूत्रकार] [भाव० सुतारी] १ .बढ़ई। २. कारीगर। पुं० [?] १. सुख-सुभीता। २. हुद-हुद। (पक्षी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुतारका :
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स्त्री० [सं०] चौबीस शासन देवियों में से एक। (बौद्ध)। |
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सुतारा :
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स्त्री० [सं०] १.सांख्य के अनुसार (क) नौ प्रकार की तुष्टियों में से एक और (ख) आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक। |
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सुतारी :
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स्त्री० [हि० सुतार+ई (प्रत्य)] १. सुतार या बढ़ई का काम। २. वह सूआ जिससे मोची चमड़ा सीते हैं। ३.पुरानी चाल का एक प्रकार का हथियार। पुं० कारीगर। शिल्पी। |
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सुतार्थी (र्थिन्) :
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वि० [सं०] पुत्र की कामना करनेवाला। जिसे पुत्र की अभिलाषा हो। |
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