शब्द का अर्थ
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सूँ :
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अव्य० [सं० सह] ब्रजभाषा में करण और अपादान का चिह्न। सों। से।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूँइस :
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स्त्री०=(जल-जन्तु)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूँघना :
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स० [सं० सिंघण] १. किसी पदार्थ की गंध जानने के उद्देश्य से उसे नाक के पास ले जाकर साँस खींचना। जैसे–फूल सूँघना। २. कोई विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए उक्त क्रिया करना। जैसे–रीछ ने उस मृतप्राय व्यक्ति को सूंघा। मुहा०–जमीन सूँघना=बैठे बैठे इस प्रकार ऊँघना कि सिर बार-बार जमीन की ओर झुकता रहे। (व्यंग्य) (किसी छोटे का) सिर सूँघना=अपनी मंगल—कामना प्रकट करने के लिए छोटों का मस्तक सूँघना या सूँघने का नाट्य करना। (किसी को) साँप सूँघना=साँप का काटना जिससे आदमी मर जाता है। (व्यंग्य) जैसे–बोलते क्यों नहीं क्या साँप सूँघ गया है ? ३. बहुत अल्प आहार करना। बहुत कम या नाम—मात्र का भोजन करना। (व्यंग्य) जैसे–आपने भोजन क्या किया है, सिर्फ सूँघकर छोड़ दिया है। |
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सूँघा :
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पुं० [हिं० सूँघना] १. वह जो केवल सूँघकर यह जान लेता हो कि अमुक पदार्थ या व्यक्ति किधर गया है; अथवा किसी स्थान पर अमुक पदार्थ है या नहीं ? विशेष–प्राचीन तथा मध्य युग में कुछ लोग ऐसे होते थे जो केवल सूँघकर यह बतला देंते थे कि चीजें चुराकर चोर कहाँ या किधर गये हैं, अथवा अमुक जमीन के नीचे पानी या खजाना है कि नही। २. सूँघकर शिकार तक पहँचनेवाला कुत्ता। ३. जासूस। भेदिया। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूँठ :
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स्त्री०=सोंठ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूँड़ :
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पुं० [सं० शुण्ड] १. हाथी की नाक जो बहुत लंबी होती और नीचे की ओर प्रायः जमीन तक लटकती रहती है। २. जन्तुओं के मुँह के आगे का निकला हुआ उक्त प्रकार का छोटा अंग। |
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सूंड़डंड :
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पुं० [सं० शुण्ड-दंड] हाथी। (डिं०) |
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समानार्थी शब्द-
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सूंड़हल :
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वि० [सं० शुण्डाल] सूँडवाला। पुं० हाथी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूंडा :
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पुं० [हिं० सूँड] बडी़ शूँड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूंडाल :
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वि० [सं० शुंडाल] सूँडवाला। पुं० हाथी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सूंडी :
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स्त्री० [सं० शुण्डी] पौधों, आदि में लगनेवाला एक प्रकार का छोटा लंबोतरा कीड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
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सूंधी :
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स्त्री० [सं० शोधन] सज्जी मिट्टी। |
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सूंस :
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स्त्री० [सं० शिशुमार] प्रायः आठ-दस हाथ लंबा एक प्रसिद्ध बड़ा जल-जन्तु, जिसके जहड़े में तीस दाँत होते हैं। |
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सूंह :
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अव्य०=सौहें (सामने)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सूंखला :
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स्त्री० =श्रृंखला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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