शब्द का अर्थ
|
सेंगरा :
|
पुं० [फा० सग या सं० श्रृंखल ?] मोटे बाँस का वह छोटा टुकड़ा जिसकी सहायता से पेशराज लोग मिलकर भारी धरनें, पतेथर आदि उठाते हैं। विशेष–सेंगरें में मोटे रस्से बाँधे जाते हैं और उन्ही रस्सों पर धरनें, पत्थर आदि लटकाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाये जाते हैं। पुं० संगरा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|