शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सेवन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] [वि० सेवति, सेवनीय, सेव्य, कर्ता सेवी] १. परिचर्या। टहल। सेवा। २. उपासना। आराधना। ३. नियमित रूप से किया जानेवाला प्रयोग या व्यवहार।। इस्तेमाल। जैसे–औषध का सेवन। ४. बराबर किसी बड़े के पास या किसी पवित्र स्थान पर रहना। जैसे–काशी-सेवन। ५. उपभोग। जैसे–मद्य-सेवन, स्त्री-सेवन। ६. कपड़े सीने का काम। सिलाई। पुं०=सेवई (घास)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेवना					 :
				 | 
				
					स०=सेना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) सं० [सं०सेवन] सेवा—टहल करना। स० दे० ‘सेना’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेवनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. सूई। सूची। २. सिलाई के टाँके। सीअन। सीवन। ३. शरीर के अंगो में सीअन की तरह दिखाई पड़नेवाला जोड़। ४. जूही। स्त्री० =सेविका।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेवनीय					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] १. जिसका सेवन करना आवश्यक या उचित हो। २. पूज्य। ३. जो सीये जाने के योग्य हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |