शब्द का अर्थ
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सोमराज :
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पुं० [सं०] चंद्रमा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सोमराजी :
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स्त्री० [सं०] १. बकुची। २. एक प्रकार कगा समवृत्त वर्णिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में दो रगण होते हैं। यथा–गुनी, एक रूपी, सुनि बेद गावै। महादेव जाकौं सदाचित्त लावैं।–केशव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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