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शब्द का अर्थ

अनारत  : वि० [सं० आ√रम् (क्रीड़ा)+क्त, न० त०] जो नित्य या सतत रहे। नित्य। सतत। अव्य० सदा। हमेशा। पुं० अविच्छिन्नता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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