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शब्द का अर्थ

अनृत  : वि० [सं० न-ऋत,न० त०] १. जो ऋत या सत्य न हो। फलतः झूठा या मिथ्या। २. अन्यथा। विपरीत। पुं० असत्य। झूठ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अनृतक  : पुं० [सं० अनृत+कन्] १. असत्य या झूठ बोलनेवाला व्यक्ति। २. ठग। ३. बेईमान।
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अनृतवादी (दिन्)  : पुं० [सं० अनृत√वद् (बोलना)+णिनि] वह जो झूठ बोलता हो। मिथ्यावादी।
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अनृती(तिन्)  : पुं० [सं० अनृत+इनि]=अनृतक।
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अनृतु  : स्त्री० [सं० न-ऋतु, न० त०] १. उचित या उपयुक्त ऋतु का अभाव। २. स्त्री में ऋतु (या रजोधर्म) का न होना। ३. किसी काम के लिए उपयुक्त समय का अभाव। वि० १. जिसके लिए ऋतु उपयुक्त न हो। २. जो अपनी उपयुक्त ऋतु या समय में न होकर उससे पहले या पीछे होता हो। अनरितु।
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