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शब्द का अर्थ

अवलंब  : पुं० [सं० अव√लम्ब् (सहारा लेना)+घञ्] १. वह जिस पर कोई चीज या बात आश्रित या ठहरी हो। जिस पर कुछ टिका या ठहरा हो। आश्रय। सहारा। जैसे—हमारा तो ईश्वर के सिवा और कोई अवलंब नहीं है। २. किसी के सहारे लटकनेवाली वस्तु।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अवलंबक  : पुं० [सं० अव√लम्ब्+ण्वुल्-अक] एक प्रकार का छंद या वृत्त।
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अवलंबन  : पुं० [सं० अव√लम्ब्+ल्युट्-अन] १. किसी के सहारे टिकने या ठहरने की क्रिया या भाव। किसी को आधार बनाकर या मानकर उसपर आश्रित होना। २. अंगीकार, ग्रहण या धारण करना। ३. अनुकरण। अनुसरण। ४. छड़ी, जिसके सहारे चलते हैं।
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अवलंबना  : स० [सं० अवलंबन] १. किसी को अवलंब बना या मानकर उसके सहारे टिकना या ठहरना। किसी को आधार मानकर उसके सहारे आश्रित होना। २. ग्रहण या धारण करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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अवलंबित  : भू० कृ० [सं० अव√लम्ब्+क्त] किसी के सहारे पर टिका या ठहरा हुआ। आश्रित। जैसे—यह बात तो आप पर ही अवलंबित है।
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अवलंबी (बिन्)  : [सं० अव√लम्ब्+णिनि] [स्त्री० अवलंबिनी] १. जो किसी आधार पर ठहरा या टिका हो। अवलंब ग्रहण करनेवाला। २. ग्रहण या धारण करनेवाला।
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