शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

आख्या  : स्त्री० [सं० आ√ख्या (कहना)+अङ्-टाप्] [वि० आख्यात] १. नाम। संज्ञा। २. कीर्ति। यश। ३. किसी को सूचित करने के लिए किसी कार्य या घटना का विवरण लिखना या लिखाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यात  : वि० [सं० आ√ख्या(कथन)+क्त] १. कहा या जतलाया हुआ। २. बहुत अधिक प्रसिद्ध। पुं० व्याकरण में क्रिया पद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यातव्य  : वि० [सं० आ√ख्या+तव्यत्] जो कहे जाने, वर्णन किए जाने अथवा सूचित किये जाने के योग्य हो अथवा किया जाने को हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्याता (तृ)  : वि० [सं० आ√ख्या+तृच्] १. कहनेवाला। २. सूचना देने या विवरण बतालनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्याति  : स्त्री० [सं० आ√ख्या+क्तिन्] १. किसी से कुछ कहने अथवा उसे सूचित करने की क्रिया या भाव। २. ख्याति या प्रसिद्धि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यातिक  : पुं० [सं० आख्यात+ठक्-इक] वह ग्रंथ जिसमें क्रियाओं का विवेचन किया ख्याति गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यान  : पुं० [सं० आ√ख्या+ल्युट्-अन] १. कहने या सूचित करने की क्रिया या भाव। २. वह जो कुछ कहा जाए। वर्णन। वृत्तांत। ३. नाटक में किसी पात्र का पिछली या पुरानी घटनाओं से लोगों को अवगत कराना। ४. पिछली या पुरानी घटना का किया हुआ वर्णन या विखा हुआ विवरण। कथा। ५. उपन्यास का एक प्रकार जिसमें उपन्यासकार पात्रों से कुछ न कहलवाकर स्वयं सब बातें कहता चलता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यानक  : पुं० [सं० आख्यान+कन्] छोटा आख्यान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यानकी  : स्त्री० [सं० आख्यानक+नीष्] दंडक वृत्त का एक भेद जिसके विषम चरणों में त, त० ज० तथा दो गुरु और सम चरणों में ज,त०ज तथा दो गुरु होते हैं। यह इंद्रवज्रा और उपेद्रज्रा के योग से बनती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यान-पट  : पुं० [सं० ष० त०] चित्र कला में वह पट या लंबा खर्रा जिसपर किसी कथा आदि की भिन्न भिन्न घटनाएँ क्रम से अंकित होती है। (पेन्टेड स्कोल)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यापक  : पुं० [सं० आ√ख्या +णिच्, पुक्+ण्वुल्-अन] [स्त्री० अध्यापिकी] १. वह जो कोई बात घोषित अथवा सूचित करे। २. संदेहशवाहक। दूत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यापन  : पुं० [सं० आ√ख्या (कहना)+णिच्,पुक्,ल्युट्-अन] १. कोई कथा, घटना या विवरण दूसरों से कहना। २. घोषित करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आख्यायिका  : स्त्री० [सं० आ√ख्या+ण्वुल्-अक+टाप्] १. शिक्षाप्रद कल्पित लघु कथा। २. एक प्रकार का लघु आख्यान जिसमें पात्र कुछ —कुछ या कहीं कही अपनी चरित्र अपने मुँह से भी कहते है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ