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शब्द का अर्थ

उघार  : पुं० [हिं० उघारना] उघारने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उघारना  : स० [सं० उद्घाटन] १. आगे पड़ा हुआ आवरण या परदा हटाना। अनावृत और फलतः प्रकट,व्यक्त या स्पष्ट करना। खोलना। उदाहरण—तब सिव तीसर नयन उघारा।—तुलसी। २. पहने हुए वस्त्र हटाकर नंगा करना। ३. (अंग) जिसका कार्य बंद हो उसका कार्य या व्यापार आरंभ करना। जैसे—किसी के आगे जीभ उघारना-जबान या मुँह खोलकर कुछ कहना या माँगना। नैन उघारना=आखें खोलकर देखना। (उदाहरण देखें ‘उघेलना’ में) ४. छिपी, दबी या धँसी हुई चीज ऊपर उठाना। उभारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उघारा  : वि० [हिं० उघारना] [स्त्री० उघारी] १. जिसपर कोई आवरण या पर्दा न हो। खुला हुआ। २. जिसके शरीर पर वस्त्र न हो। नंगा। उदाहरण—आप तो कदम चढ़ि बैठे, हम जल माहिं उघारी।—गीत।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उघार  : पुं० [हिं० उघारना] उघारने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उघारना  : स० [सं० उद्घाटन] १. आगे पड़ा हुआ आवरण या परदा हटाना। अनावृत और फलतः प्रकट,व्यक्त या स्पष्ट करना। खोलना। उदाहरण—तब सिव तीसर नयन उघारा।—तुलसी। २. पहने हुए वस्त्र हटाकर नंगा करना। ३. (अंग) जिसका कार्य बंद हो उसका कार्य या व्यापार आरंभ करना। जैसे—किसी के आगे जीभ उघारना-जबान या मुँह खोलकर कुछ कहना या माँगना। नैन उघारना=आखें खोलकर देखना। (उदाहरण देखें ‘उघेलना’ में) ४. छिपी, दबी या धँसी हुई चीज ऊपर उठाना। उभारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उघारा  : वि० [हिं० उघारना] [स्त्री० उघारी] १. जिसपर कोई आवरण या पर्दा न हो। खुला हुआ। २. जिसके शरीर पर वस्त्र न हो। नंगा। उदाहरण—आप तो कदम चढ़ि बैठे, हम जल माहिं उघारी।—गीत।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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