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शब्द का अर्थ

उचकन  : पुं० [सं० उच्च-करण] किसी वस्तु को ऊँचा करने के लिए उसके नीचे दिया या रखा जानेवाला कोई आधार या चीज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचकना  : पुं० [सं० उच्च-ऊँचा+करण-करना] १. एड़ी उठाकर थोड़ा उछलकर या पंजों के बल खड़े होकर कोई ऊँची चीज देखने या पकड़ने का प्रयत्न करना। जैसे—भीड़ में से कुछ लोग उचक-उचक कर देखने लगे। २. उछलना। उदाहरण—यों कहिकै उचकी परजंक ते पूरि रही दृग वारि की बूँदें।—देव। स० उछल या झपटकर कोई चीज उठाना या छीनना। जैसे—तुम तो उचक्कों की तरह हर चीज उचक ले जाते हों।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचकन  : पुं० [सं० उच्च-करण] किसी वस्तु को ऊँचा करने के लिए उसके नीचे दिया या रखा जानेवाला कोई आधार या चीज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उचकना  : पुं० [सं० उच्च-ऊँचा+करण-करना] १. एड़ी उठाकर थोड़ा उछलकर या पंजों के बल खड़े होकर कोई ऊँची चीज देखने या पकड़ने का प्रयत्न करना। जैसे—भीड़ में से कुछ लोग उचक-उचक कर देखने लगे। २. उछलना। उदाहरण—यों कहिकै उचकी परजंक ते पूरि रही दृग वारि की बूँदें।—देव। स० उछल या झपटकर कोई चीज उठाना या छीनना। जैसे—तुम तो उचक्कों की तरह हर चीज उचक ले जाते हों।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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