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शब्द का अर्थ

उपेंद्र  : पुं० [सं० उप-इन्द्र, अत्या० स०] १. इन्द्र के छोटे भाई का नाम। २. श्रीकृष्ण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपेंद्रवज्रा  : स्त्री० [सं० उप-इन्द्रवज्रा, अत्या० स०] ग्यारह वर्णों का एक छन्द, जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः जगण, तगण, जगण और अंत में दो गुरु होते हैं। जैसे—चला गया जीवित लोक सारा, बनी अजीवा-सम शून्य जीवा। पुनः वहाँ कौरवो-पांडवों की पड़ी सुनाई रण घोषणायें।—अंगराज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपेंद्र  : पुं० [सं० उप-इन्द्र, अत्या० स०] १. इन्द्र के छोटे भाई का नाम। २. श्रीकृष्ण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपेंद्रवज्रा  : स्त्री० [सं० उप-इन्द्रवज्रा, अत्या० स०] ग्यारह वर्णों का एक छन्द, जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः जगण, तगण, जगण और अंत में दो गुरु होते हैं। जैसे—चला गया जीवित लोक सारा, बनी अजीवा-सम शून्य जीवा। पुनः वहाँ कौरवो-पांडवों की पड़ी सुनाई रण घोषणायें।—अंगराज।
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