शब्द का अर्थ
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					कर्म-प्रधान					 :
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					वि० [ब० स०] १. जिसमें कर्म की प्रधानता हो। २. भौतिक पदार्थों, उनके कार्यों अथवा उनसे होनेवाली अनुभूतियों से संबंध रखनेवाला। (ऑब्जेक्टिव )				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					कर्म-प्रधान-वाक्य					 :
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					पुं० [कर्म० स०] ऐसा वाक्य जिसमें कर्म ही मुख्य रूप से कर्त्ता की तरह आया हो।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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