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कलि-वर्ज्य  : वि० [स० त०] धर्म-शास्त्रों के अनुसार (काम या बात) जिसका अनुष्ठान या आचरण कलियुग में निषिद्ध या वर्जित हो० जैसे—अश्वमेघ, गोमेघ, मांस का पिंडदान, देवर से नियोग आदि बातें कलि-वर्ज्य हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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