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कुरसी  : स्त्री० [अ०] १. चार पायोंवाली एक प्रकार की ऊँची चौकी जिस पर एक व्यक्ति बैठता है तथा जिसमें पीठ के सहारे के लिए पटरी लगी रहती है। (चेअर)। यौ०—आराम कुरसी=एक प्रकार की बड़ी कुरसी जिसपर आदमी लेट सकता है। मुहावरा—कुरसी तोड़ना=भार बनकर कुरसी पर बेकार बैठे रहना। २. वह स्थान जिस पर कोई अधिकारी बैठता हो। अधिकारी का पद। जैसे—आज तो कोई मंत्री की कुरसी पर बैठ सकता है। मुहावरा—(किसी को) कुरसी देना=आदरपूर्वक बैठाना। ३. इमारत या भवन का उतना निर्मित अंश जो जमीन में चबूतरे की तरह रहता है और जिसके ऊपर इमारत बनती है। (प्लिन्थ) ४. जहाज के मस्तूल के ऊपर की वे आड़ी तिरछी लकड़ियाँ जिन पर खड़े होकर मल्लाह पाल की रस्सियाँ तानते हैं। ५. नाव के किनारे-किनारे लगे हुए तख्ते जिन पर आदमी बैठते हैं। पादारक। ६. पीढ़ी। पुश्त। पद—कुरसीनामा (देखें)। ७. हुमेल के बीच की चौकोर चौकी। उरबसी। तावीज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुरसीनामा  : पुं० [अ०] वंशवृक्ष जिसमें किसी वंश की पीढ़ियों के लोग अलग-अलग अपने पद के अनुसार दिखाये या लिखे जाते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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