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खाक  : स्त्री० [फा०] १. धूल। मिट्टी। पद-खाक का पुतला=मिट्टी से बना हुआ प्राणी अर्थात् मनुष्य। खाक पत्थर=नगण्य अथवा व्यर्थ का सामान। मुहावरा– (किसी की) खाक उड़ना=कुख्याति या बदनामी होना। (कहीं पर) खाक उड़ना=पूर्ण विनाश हो जाने पर उसके चिन्ह्र दिखाई देना। खाक उड़ाना=(क) व्यर्थ का काम या परिश्रम करना। (ख) व्यर्थ इधर-उधर मारे मारे फिरना। खाक छानना=कुछ ढूँढ़ने के लिए व्यर्थ दूर-दूर के चक्कर लगाना। जैसे– नौकरी के लिए उसने सारे शहर की खाक छान डाली है। (किसी चीज पर) खाक डालना=सदा के लिए वस्तु को उपेक्ष्य या तुच्छ समझकर छोड़ देना अथवा बात को भूला देना। खाक में मिलना= (क) नष्ट या बरबाद करना। (ख) ढह जाना। खाक हो जाना= मिट्टी में मिलकर मिट्टी का रूप धारण कर लेना। २. भस्म। राख। मुहावरा– खाक करना=(क) बिलकुल जला डालना। (ख) नष्ट करना। ३. परम तुच्छ या हीन वस्तु। वि० बहुत ही तुच्छ या हेय। अव्य. कुछ भी नहीं। नाम को भी नहीं। जैसे– पढ़ना-लिखना तो तुम खाक जानते हो।
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खाकरोब  : पुं० [फा०] झाड़ू देनेवाला। चमार या मेहतर।
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खाकसार  : वि० [फा०] १. खाक, धूल या मिट्टी में मिला हुआ। २. अपने सम्बन्ध में दीनता या नम्रता दिखाते हुए, यह सेवक। अकिंचन। जैसे– खाकसार हाजिर है। पुं० १. मुसलमानों का एक आधुनिक संघठन जो लोक सेवा के लिए बना था। २. उक्त संघठन का सदस्य।
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खाकसारी  : स्त्री० [फा०] खाकसार होने की अवस्था या भाव।
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खाकसीर  : स्त्री० [फा० खाकशीर] खूबकलाँ नामक औषधि (एक प्रकार का घास का बीज)।
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खाका  : पुं० [फा० खाकः] १. रेखाओं आदि द्वारा बनाया हुआ किसी आकृति या चित्र का आरंभिक रूप जिसमें रंग आदि भरे जाने को हो। ढ़ाँचा। २. वह कागज जिसपर उक्त प्रकार का रेखाओं का ढाँचा बना हो। नक्शा। मानचित्र। जैसे– एशिया या हिन्दुस्तान का खाका। मुहावरा–(किसी बात या व्यक्ति का) खाका उड़ाना=उपहास करना। दिल्लगी उडाना। (किसी चीज का) खाका उतारना=किसी चीज की सूरत का नक्शा कागज पर खीचंना। कच्चा नक्शा बनाना। खाका झाड़ना=चित्रकला में एक विशेष प्रक्रिया से किसी चित्र की मुख्य रूप रेखाएँ किसी दूसरे कागज पर ले आना। ३. रेखाओं का ऐसा अंकन जो समय-समय पर होनेवाले उतार-चढ़ावों, परिवर्तनों आदि का सूचक होता है। (ग्राफ) जैसे– बुखार का खाका। ४. किसी पत्र, लेख, विधान आदि का वह आरंभिक रूप जिसमें अभी कई बातें घटाने-बढ़ाने को होती हैं। मसौदा। (ड्राफ्ट) ५.वह कागज जिसमें किसी काम के खर्च का अनुमान से ब्योरा लिखा हो। चिट्ठा। तखमीना।
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खाकान  : पुं० [तु०] १. सम्राट। २. चीन के पुराने सम्राटों की उपाधि।
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खाकी  : वि० [फा०] १. मिट्टी से संबंध रखनेवाला। मिट्टी का। २. खाक अर्थात् मिट्टी के रंग का। जैसे– खाकी कपड़ा। पद-खाकी अंडा=(क) ऐसा अंड़ा जो अंदर से सड़ गया हो और जिसमें से बच्चा न निकले। गंदा अंड़ा। बयंड़ा। (ख) वर्ण-संकर। दोगला। ३. (भूमि) जिसमें सिंचाई न हुई हो या न होती हो। पुं० १. एक प्रकार के साधु, सारे शरीर में राख लगाये है। २. मुसलमान फकीरों का एक संप्रदाय जो खाकी शाह नामक पीर ने चलाया था। ३. खाकी या भूरे रंग के कपड़ों की वर्दी जैसी पुलिस और सेना के सिपाही पहनते हैं।
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