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चर्य्य  : वि० [सं०√चर् (चलना)+यत्] १. जो चरण अर्थात् आचरण के रूप में किये जाने के योग्य हो। २. कर्त्तव्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चर्य्या  : स्त्री० [सं० चर्य्य+टाप्] १. वह जो किया जाय। आचरण। जैसे–व्रतचर्य्या, दिनचर्य्या आदि। २. आचरण। चाल-चलन। ३. काम-धंधा। ४. जीविका या वृत्ति। ५. सेवा। ६. धर्मशास्त्र के अनुसार विहित काम करना और निषिद्ध काम न करना। ७. भोजन करना। खाना। ८. चलना। गमन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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