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चिप्प  : पुं० [सं०√चिक्क (पीड़ा देना)+अच्, क्क, को० प्प आदेश] एक रोग जिसमें उँगलियों के नाखूनों के नीचे तथा आस-पास का माँस गलने या पकने लगता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चिप्पख  : वि० [हिं० चिपकना] १. चिपका या दबा हुआ। २. चिपटा। ३. बहुत ही दुबला-पतला।
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चिप्पड़  : पुं० [सं० चिपिट] [स्त्री० चिप्पी] १. एक छोटा चिपटा टुकड़ा जो किसी चीज के सूख जाने पर उसकी ऊपरी तल में से कुछ अलग हो रहा हो या निकल चला हो। जैसे–जलाने की लकड़ी के ऊपर का चिप्पड़। २. ऊपर से लगाया या सटाया जानेवाला कोई चिपटा खंड। जैसे–इसका छेद बंद करने के लिए ऊपर से एक चिप्पड़ लगा दो।
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चिप्पिका  : स्त्री० [सं० चिप्प+कन्-टाप्,इत्व] १. बृहत्संहिता के अनुसार एक रात्रिचर जंतु। २. एक प्रकार की चिड़िया।
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चिप्पी  : स्त्री० [हिं० चिप्पड़] १. छोटा चिप्पड़ जो ऊपर से चिपकाया, लगाया या सटाया जाय। जैसे–कागज की चिप्पी। २. वह बटखरा जिससे तौलकर सब को बराबर-बराबर अनाज या रसद बाँटी जाती है। ३. उक्त प्रकार से बाँटा जानेवाला अनाज या रसद। सीधा (साधुओं की परिभाषा)। स्त्री०=चिपड़ी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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