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चुल्लू  : पुं० [सं० चुलुक] १. उँगलियों को अंदर की ओर कुछ मोड़कर गहरी की हुई हथेली जिसमें भरकर पानी आदि पी सकें। २. उतनी वस्तु जितनी हाथ की उक्त मुद्रा में आती है। पद-चुल्लू भर=उतना कम या थोड़ा(तरल पदार्थ) जितना एक बार चुल्लू में आता हो। मुहावरा–चुल्लू चुल्लू साधना=थोड़ा-थोडा़ करके किसी प्रकार का अभ्यास संग्रह या साधन करना। चुल्लू भर पानी मे डूब मरना=बहुत ही लज्जाजनक स्थिति में आना,पड़ना या होना। किसी को मुँह दिखाने या जीवित रहने के योग्य न रह जाना।(तिरस्कार सूचक) जैसे–ऐसा काम (या बात) करने से तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना ज्यादा अच्छा है। (किसी का) चुल्लू भर लहू पीना=बदला चुकाने के लिए उसी तरह किसी को मार कर उसका रक्त पीना जिस प्रकार भीम ने दुःशासन का लहू पीया था। चुल्लू में उल्लू होना=बहुत थोड़ी सी नशे की चीज। जैसे–भाँग या शराब पीते ही बेसुध होना। चुल्लुओं रोना=बहुत अधिक आँसू बहाना। बहुत रोना। (किसी का) चुल्लुओं लहू पीना (क चुल्लू भर लहू पीना। (ख) बहुत अधिक तंग या दुःखी करना। बहुत सताना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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