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जिन  : पुं० [सं०√जि+नक्] १. विष्णु। २. सूर्य। ३. गौतम बुद्ध. ४. जैनों के एक तीर्थकार। वि० १. जयी। २. राग-द्वेष आदि को जीतनेवाला। ३. बहुत बुड्ढा। वि० सर्व० हिं० जिस का विभक्ति युक्त बहु-वचन रूप। जैसे–जिन (लोगों) को चलना हो, वे यहाँ आ जायँ। पुं० [फा०] भूत-प्रेत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
जिनगी  : स्त्री=जिंदगी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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जिनस  : पुं=जिंस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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जिना  : पुं० [अ० ज़िना] पर-पुरुष या पर-स्त्री से होनेवाला अनुचित संबंध। छिनाला। व्यभिचार।
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जिनाकार  : वि० [अ० जिना+फा० कार] [भाव० जिनाकारी] परस्त्री गमन करनेवाला।
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जिना-बिल-जब्र  : पुं० [अ०] पर-स्त्री से बलात् किया जानेवाला संभोग जो विधिक दृष्टि से बहुत बड़ा अपराध है। बलात्कार।
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जिनि  : अव्य० [हिं० जनि] मत। नहीं।
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जिनिस  : स्त्री०=जिंस।
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जिनिसवार  : पुं०=जिंसवार।
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जिनेंद्र  : पुं० [जिन-इंद्र, ष० त०] १. एक बुद्ध। २. एक जैन संत।
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जिन्नात  : पुं० [अ० ‘जिन’ का बहु रूप] भूत-प्रेत आदि।
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जिन्नी  : वि० [अ०] जिन या भूत संबंधी। पुं० वह व्यक्ति जिसके वश में कोई जिन या भूत हो।
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जिन्स  : स्त्री०=जिंस।
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जिन्ह  : सर्व० जिन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० जिन (भूत प्रेत)।
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