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झुकाना  : स० [हिं० झुकाना का स०] १. किसी खड़ी या सीधी चीज का कोई अंश या तल किसी प्रकार कुछ नीचे लाना ऐसा काम करना जिससे कुछ झुके। नीचे की ओर प्रवृत्त करना। जैसे–दबाकर लकड़ी या ठोंक-पीटकर लोहे की छड़ झुकाना। २. जो चीज ऊँचाई पर अथवा ऊपर हो उसे या उसका कोई अंश नीचे की ओर लाना। जैसे–राजा या सेनापति की मृत्यु होने पर किले का झंडा झुकाना। ३. अपना कोई अंग किसी ओर कुछ नीचे करना या ले जाना। जैसे–किसी के सामने आँखे या शिर झुकाना, किसी ओर कंधा, पैर या हाथ झुकाना। ४. किसी को किसी प्रकार दबाते हुए अथवा उसका अभिमान, विरोध, हठ आदि दूर करते हुए उसे नम्र या विनीत बनाना। जैसे–उदारता अथवा कौशल से विरोधी को अपने सामने झुकाना। ५. उक्त के आधार पर बैरी या शत्रु को पराजित या परास्त करना। ६. कुछ बल प्रयोग करते हुए किसी को किसी काम या बात की ओर प्रवृत्त करना या उसमें लगाना। जैसे–लड़का तो अभी पढना चाहता था पर पिता ने उसे नौकरी (या रोजगार) में झुका दिया। ७. कोई चीज या बात किसी ओर अग्रसर या प्रवृत्त करना। जैसे–आप लोगों ने आपस के लड़ाई-झगड़े (या हँसी-मजाक) की बात लाकर मुझ पर झुका दी। ८. प्रायः या सदा खड़ी अथवा सीधी रहनेवाली चीज कुछ टेढ़ी करके किसी ओर नत या प्रवृत्त करना। जैसे–बीमारी या बुढ़ापे ने उसकी कमर झुका दी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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