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झोंकना  : स० [हिं० झोंक] १. झोंक या वेग से एक चीज किसी दूसरी चीज में गिराना, डालना या फेंकना। जैसे–(क) इंजन में कोयला, भट्ठी में लकड़ी या भाड़ में झाड़-झंखाड़। (ख) लडके को कूएँ में झोंकना। मुहावरा–भाड़ झोंकना=दे० ‘भाड़’ के मुहावरे। २. ढकेलते या धक्का देते हुए अथवा बलपूर्वक किसी अनिष्ट, अप्रिय अथवा कष्टप्रद स्थिति की ओर अग्रसर होना। जान-बूझकर विपत्ति या संकट में डालना या फँसाना। जैसे–तुम तो मजे से घर बैठे रहे, और मुझे तुमने इस झंझट (मुकदमेबाजी, लड़ाई-झगड़ा आदि) में झोंक दिया। ३. किसी प्रकार का कार्य या भार जबरदस्ती किसी पर रखना या लादना। जैसे–यह काम भी तुमने मुझ पर झोंक दिया। ४. धन आदि के संबंध में बिना परिणाम आदि का विशेष विचार किये आवश्यकता से कहीं अधिक व्यय करना। जैसे–अमेरिका आज-कल अरबों रुपए संसार के पिछड़े हुए देशों में झोंक रहा है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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