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तैरना  : अ० [सं० तरण] १. प्राणियों का अपने हाथ-पैर, पंख या डैने अथवा दुम हिलाते हुए पानी के ऊपरी तल पर इस प्रकार इधर-उधर घूमना या आगे बढ़ना कि वे डूबने से बचे रहें। ऐसी युक्ति सेपानी में चलना कि डूब न जायँ। २. मनुष्यों का अपने हाथ-पैर इस प्रकार चलाते या हिलाते हुए आगे बढ़ना कि सरीर पानी के तल में बैठने न पावे। पैरना। विशेष–प्रायः सभी जीव-जन्तुओं प्राकृतिक रूप से पानी पर तैरना जानते है, परन्तु मनुष्य को प्रयत्नपूर्वक तैरने की कला सीखनी पड़ती है। ३. पानी से हलकी चीज का पानी अथवा किसी द्रव पदार्थ की ऊपरी तह पर ठहरा रहना, अथवा उसके प्रवाह या बहाव के साथ-साथ आगे बढ़ना। जैसे–लकड़ी का पानी पर तैरना। ४. लाक्षणिक रूप में, किसी प्राणी अथवा वस्तु का इस प्रकार सहज में और सरल गति से इधर-उधर हटना-बढ़ना जिस प्रकार जीव-जन्तु जल के ऊपरी भाग पर तैरते हैं। जैसे–कीटाणुओं अथवा गुड्डी (या पतंग) का हवा में तैरना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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