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तोड़ा  : पुं० [सं० त्रुट, हिं० तोड़ना] १. टूटने या तोड़ने की क्रिया या भाव। टूट। २. किसी चीज को तोड़कर उसमें से अलग किया या निकाला हुआ अंश या बाग। खंड। टुकड़ा। जैसे–रस्सी या रस्से का तोड़ा। ३. घाटा। टोटा। (देखें)। क्रि० प्र०–आना–पड़ना। ४. वह मैदान या स्थान जो नदी के तोड के कारण कटकर अलग हो गया हो। ५. वह स्थान जो प्रायः नदियों के संगम पर उस बालू और मिट्टी के इकट्ठे होने से बनता है जो नदी अपने साथ मैदानों में से तोड़कर लाती है। क्रि० प्र०–पड़ना। ६. नदी का किनारा। तट। ७. नाच का उतना टुकड़ा जितना एक बार में नाचा जाता है और जिसमें प्रायः एक ही वर्ग की गतियाँ अथवा एक ही प्रकार के भावों की सूचक अंग-भंगियाँ या मुद्राएँ होती है। क्रि० प्र०–नाचना। ८. चाँदी आदि की लच्छेदार और चौड़ी जंजीर या सिकरी जिसका व्यवहार आभूषण की तरह पहनने में होता है। जैसे–गलें पैर या हाथ में पहनने का तोड़ा। ९. टाट की वह थैली जिसमें चाँदी के १॰॰॰) आते या रखे जाते हों। मुहावरा–(किसी के आगेध तोड़ा उलटना या गिराना-(किसी को) सैकड़ों, हजारों रुपए देना। बहुत सा धन देना। १॰. हल के आगे की वह लंबी लकड़ी जिसके अगले सिरे पर जूआ लगा रहता है। हरिस। ११.खूब अच्छी तरह साफ की हुई वह चीनी जिसके दाने या रवे कुछ बड़े होते हैं और जिससे ओला बनता था। कन्द। १२. अभिमान। घमंड। मुहावरा–तोड़ा लगाना–अभिमान या घमंड दिखाना। पद–नक-तोड़ (देखें)। पुं० [सं० तुंड या टोंटा] १. नारियल की जटा की वह रस्सी जिसके ऊपर सूत बुना रहता था और जिसकी सहायता से पुरानी चाल की तोड़दार बंदूक छोड़ी जाती थी। पलीता। पद–तोड़दार बंदूक-पुरानी चाल की वह बंदूक जो तोड़ा दागकर छोड़ी जाती थी। २. जिसे लोहा जिसे चकमक पर मारने से आग निकलती है और जिसकी सहायता से तोड़ेदार बन्दूक चलाने का तोड़ा या पलीता सुलगाया जाता था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
तोड़ाई  : स्त्री०=तुड़वाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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