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थाल  : पुं० [हिं० थाली] [स्त्री० अल्पा० थाली] भोजन आदि परोसने का धातु का बना हुआ चौड़ा, छिछला तथा गोल बर्तन। बड़ी थाली।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
थाला  : पुं० [सं० स्थल; हिं० थल] १. पेड़, पौधे आदि के चारों ओर का वह गोल गड्ढा जिसमें पानी भरा जाता है। आल-बाल। २. किसी चीज के चारों ओर का उभरा हुआ गोलाकार दल या भाग। जैसे—इस फोड़े ने बहुत थाला बाँधा है। क्रि० प्र०—बाँधना। पुं० [?] दरवाजे की कुंडी जिसमें ताला लगाया जाता है। (लश०)
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थालिका  : स्त्री० [हिं० थाला] वृक्ष का थाला। आलबाल।
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थाली  : स्त्री० [सं० स्थाली=बटलोई] १. धातु का बना हुआ गोलाकार छिछला, बड़ा बरतन जिसमें खाने के लिए भोजन परोसा जाता है। पद—थाली का बैंगन=ऐसा व्यक्ति जिसका स्वंय कोई सिद्धांत न हो और जो उसी की प्रशंसा तथा समर्थन करे जिससे उसे खाने को मिल जाता हो। थाली जोड़-थाली और उसके साथ कटोरा या कटोरी। मुहा०—थाली फिरना=किसी स्थान पर इतनी अधिक भीड़ होना कि यदि ऊपर से उस भीड़ पर थाली फेंकी जाय तो वह ऊपर ही ऊपर घूमती-फिरती रह जाय; जमीन पर गिरने न पाये। जैसे—उस मेले में तो थाली फिरती थी। थाली बजना=थाली बजाते हुए साँप का विष उतारना। थाली बजाना=(क) साँप का विष उतारने के लिए थाली बजाकर मंत्र पढ़ना। (ख) नवजात शिशु के समक्ष उसका भय दूर करने के लिए थाली बजाकर कुछ जोर का शब्द करना। थाली भेजना=किसी के यहाँ थाली में भोजन, मिठाई आदि भेजना। २. नाच की एक गत जिसमें बहुत थोड़े से घेरे के अंदर नाचना पड़ता है।
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