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दस्तक  : स्त्री० [फा००] १. हाथ से किया हुआ हलका आघात। २. ताली। ३. किसी को बुलाने के लिए उसके दरवाजे पर उक्त प्रकार से खटखटाने की क्रिया। क्रि० प्र०—देना। ४. अधिकारियों द्वारा किसी के नाम निकाला हुआ वह आज्ञा-पत्र जिसमें उससे अपना देन चुकाने के लिए कहा गया हो। क्रि० प्र०—भेजना। पद—दस्तक सिपाही=वह सिपाही जो किसी से मालगुजारी आदि वसूल करने या किसी को पकड़ने के लिए दस्तक (आज्ञा-पत्र) देकर भेजा जाय। मुहावरा—दस्तक माफ करना=(क) क्षमा करना। (ख) उत्तरदायित्व से मुक्त करना। ५. कहीं से कोई माल ले आने या ले जाने के लिए मिला हुआ वह अधिकारपत्र जो कुछ विशिष्ट स्थानों पर दिखाना पड़ता है। निकासी या राहदारी का परवाना। ६. कर। महसूल। क्रि० प्र०—लगना।—लगाना। ७. ऐसा आकस्मिक अनावश्यक काम जिसमें कुछ व्यय करना पड़े। मुहावरा—दस्तक बाँधना या लागना=व्यर्थ का व्यय ऊपर डालना। नाहक का खर्च जिम्मे लगाना या लेना। जैसे—तुमने यह चंदे की अच्छी दस्तक बाँध ली है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
दस्तकार  : पुं० [फा०] [भाव० दस्तकारी] वह कारीगर जो हाथ से छोटे-मोटे उपकरणों की सहायता से (मशीनों से नहीं) चीजें तैयार करता हो। शिल्पी।
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दस्तकारी  : स्त्री० [फा०] १. हाथ से चीजें बनाकर तैयार करने का काम। २. इस प्रकार तैय़ार की हुई कोई वस्तु।
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दस्तकी  : स्त्री० [फा०] १. वह छोटी बही जो याददाश्त के लिए बात आदि टाँकने के काम आती है और प्रायः हर-दम पास रखी जाती है। २. बहेलियों का दस्ताना जो शिकारी पक्षियों के वार को रोकने के लिए हाथ में पहना जाता है।
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