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द्विज  : वि० [सं० द्वि√जन् (उत्पत्ति)+ड] जिसका जन्म दो बार हुआ हो। जो दो बार उत्पन्न हुआ हो। पुं० १. अंडे से उत्पन्न होनेवाले जीव-जंतु जो एक बार अंडे के रूप में और दूसरी बार अंडे में से बाहर निकलने के समय (इस प्रकार दो बार) जन्म लेते हैं। २. चिड़िया। पक्षी। ३. हिंदुओं में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ण के पुरुष जिनको शास्त्रानुसार यज्ञोपवीत धारण करने का अधिकार है और यज्ञोपवीत के समय जितना दूसरा जन्म होना माना जाता है। ४. ब्राह्मण। ५. चंद्रमा, जिसका पुराणानुसार दो बार जन्म हुआ था। ६. दाँत, जो एक बार लड़कपन में टूट चुकने पर फिर दोबारा निकलते हैं। ७. नेपाली धनियाँ। तुंबुरु।
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द्विज-दंपति  : पुं० [सं० द्विज-दंपती] दान, पूजा आदि के लिए बना हुआ धातु का वह पत्तर जिस पर स्त्री और पुरुष या लक्ष्मी और नारायण की युगल मूर्तियाँ बनी होती हैं।
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द्विज-पति  : पुं० [ष० त०] १. ब्राह्मण. २. चंद्रमा। ३. गरुड़। ४. कपूर।
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द्विज-प्रिया  : स्त्री० [ष० त०] सोमलता।
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द्विज-बंधु  : पुं० [ष० त०] १. नाममात्र का वह द्विज जिसका जन्म तो द्विज माता-पिता से हुआ हो पर जो स्वयं द्विजों के संस्कार और क्रम न करता हो। २. नाम मात्र का ब्राह्मण।
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द्विज-ब्रुव  : पुं० [द्वि√ब्रू (बोलना)+क, उप० स०]=द्विज-बंधु।
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द्विज-राज  : पुं० [ष० त०] १. श्रेष्ठ ब्राह्मण। २. चंद्रमा। ३. गरुड़। ४. कपूर।
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द्विजलिंगी (गिन्)  : पुं० [सं० द्विज-लिंग ष० त०,+इनि] १. वह जो किसी हीन वर्ण का होने पर भी ब्राह्मणों की तरह या उनके वेश में रहता हो। २. क्षत्रिय।
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द्विज-वाहन  : पुं० [ब० स०] विष्णु; जिनका वाहन गरुण (पक्षी) है।
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द्विज-व्रण  : पुं० [ष० त०] दाँत का एक रोग। दंतार्बुद।
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द्विज-शप्त  : पुं० [तृ० तृ०] बर्बट या भटवाँस, जिसे खाना ब्राह्मणों के लिए वर्जित है।
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द्विजांगिका  : स्त्री० [सं० द्विज-अंग ब० स०, कप्-टाप्, इत्व] कुटकी।
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द्विजांगी  : स्त्री० [सं० द्विज-अंग ब० स०, ङीष्] कुटकी।
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द्विजा  : स्त्री० [सं० द्विज+टाप्] १. ब्राह्मण या द्विज की स्त्री। २. पालक का साग जो एक बार काट लिये जाने पर भी दोबारा बढ़ जाता है। ३. संभालू का बीज। रेणुका। ४. नारंगी।
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द्विजाग्रज  : पुं० [सं० द्विज-अग्रज ष० तृ०] श्रेष्ठ ब्राह्मण।
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द्विजाति  : पुं० [स० ब० स०]=द्विज। (देखें)
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द्विजानि  : पुं० [सं० द्वि-जाया ब० स०, नि आदेश] ऐसा जिसकी दो पत्नियाँ हों।
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द्विजायगी  : स्त्री०=दुजायगी।
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द्विजायनी  : स्त्री० [सं० द्विज-अयन ष० तृ०, ङीप्] यज्ञोपवीत।
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द्विजालय  : पुं० [सं० द्विज-आलय ष० त०] १. द्विज का घर। २. घोंसला।
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द्विजावंती  : स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी।
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द्विजेंद्र  : पुं० [सं० द्विज-इंद्र ष० त०] १. चंद्रमा। २. ब्राह्मण। ३. गरुड़। ४. कपूर।
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द्विजेश  : पुं० [सं० द्विज-ईश ष० त०]=द्विजेंद्र।
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द्विजोत्तम  : पुं० [सं० द्विज-उत्तम स० त०] द्विजों में श्रेष्ठ, ब्राह्मण।
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