शब्द का अर्थ
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नत :
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वि० [सं०√नम् (झुकना)+क्त] [भाव० नति] १. झुका हुआ। २. जो किसी के सामने नम्र होकर झुक गया हो। ३. नम्र। विनीत। ४. कुटिल। टेढ़ा। पुं० १. तगर-मूल। २. गणित ज्योतिष में मध्यंदिन रेखा से किसी ग्रह की दूरी। अव्य०=नतु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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नतइत :
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पुं०=नतैत। |
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नतकुर :
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पुं० दे० ‘नाती’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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नत-गुल्ला :
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पुं० [?] घोंघा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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नत-नाड़ी :
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स्त्री० [सं०] फलित ज्योतिष में, मध्याह्न और मध्यरात्रि के बीच का जन्म-काल। |
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नतनी :
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स्त्री० [हिं० नाती का स्त्री०] बेटी की बेटी। |
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नतपाल :
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पुं० [सं० नत√पाल् (रक्षा)+णिच्+अण्] वह जो अपने सामने आकर नत या विनीत होनेवाले अर्थात् शरण में आये हुए व्यक्ति का पालन या रक्षा करे। |
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नतम :
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वि० [सं० नत] टेढ़ा। बाँका। |
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नत-मस्तक :
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वि० [ब० स०] जिसने किसी के आगे सिर झुका दिया हो। नम्र या विनीत होनेवाला। |
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नतमी :
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स्त्री० [?] एक तरह का वृक्ष जिसकी लकड़ी बहुत चिकनी होती है। |
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नतर :
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क्रि० वि०=नतरु। |
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नतरक :
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क्रि० वि०=नतरु। |
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नतरकु :
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क्रि० वि०=नतरू। उदा०—नतरकु इन विय लगत कत उपजत विरह-कृसानु।—बिहारी |
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नतरु :
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क्रि० वि० [सं० न+तु] नहीं तो। अन्यथा। उदा०—नतरु लखन सिय राम वियोगा।—तुलसी। |
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नतांग :
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वि०[नत-अंग, ब० स०] जिसका बदन झुका हुआ हो। |
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नतांगी :
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स्त्री० [सं० नतांग+ङीष्] स्त्री। औरत। |
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नतांश :
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पुं० [नत-अंश] ग्रहों आदि की स्थिति निश्चित करने में काम आनेवाला एक प्रकार का वृत्त जिसका केन्द्र भूकेंद्र पर होता है और जो विषुवत् रेखा पर लंब होता है। |
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नताउल :
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पुं० [?] १. एक प्रकार का वृक्ष जिसकी लकड़ी मुलायम तथा चिकनी होती है। २. उक्त पेड़ की राल जो विषैली होती है और इसीलिए जिसे तीरों के फलों पर लगाया जाता था। |
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नति :
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स्त्री० [सं०√नम्र+क्तिन्] १. नत होने अर्थात् झुकने की क्रिया या भाव। २. झुके हुए होने की अवस्था या भाव। ३. किसी ओर होनेवाली मन की प्रवृत्ति। (इन्क्लिनेशन) ४. ढालुएँ होने की अवस्था या भाव। उतार। ढाल। ५. नमस्कार। प्रणाम। ६. नम्रता। विनयशीलता। ७. ज्योतिष मे एक विशिष्ट प्रकार की गणना। |
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नतीजा :
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पुं० [अ० नजीतः] १. परिणाम। फल। क्रि० प्र०—निकलना।—पाना।—मिलना। २. परीक्षाफल। ३. जाँच का फल। ४. अंत। आखीर। |
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नतु :
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क्रि० वि० [सं० न-तु, द्व० स०] नहीं तो। अन्यथा। |
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नतैत :
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पुं० [हिं० नाता+ऐत (प्रत्य०)] वह जिसके साथ कोई नाता (अर्थात् रिश्ता या पारिवारिक संबंध) हो। नातेदार। रिश्तेदार। संबंधी। |
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नतोदर :
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वि० [सं० नत-उदर] जिसका ऊपरी भाग या तल कुछ नीचे या अंदर की ओर हो। अवतल। (कॉनकेव) |
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नत्थ :
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स्त्री०=नथ। |
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नत्थी :
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स्त्री० [हिं० नाथना] १. नाथने की क्रिया या भाव। २. छोटे मोटे बहुत से कागजों आदि को एक साथ (आलपीन, डोरे आदि) नाथने की क्रिया। ३. उक्त प्रकार से नाथकर एक साथ किये हुए कागज आदि। |
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नत्यूह :
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पुं० [सं०] कठफोड़वा। |
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नत्वर्थक :
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वि० [सं० नतु-अर्थ ब० स०, कप्] १. जिसमें किसी वस्तु या बात का अस्तित्व न माना गया हो। २. जिसमें कोई प्रस्ताव या सुझाव न मान्य किया गया हो। नकारात्मक। नहिक। (नेगेटिव) |
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नत्थ :
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स्त्री०=नथ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=अनर्थ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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नतित :
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वि० [सं०√नृत्+णिच्+क्त] १. नचाया हुआ। २. नाचता हुआ। ३. जो नाच चुका हो या नचाया जा चुका हो। |
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