शब्द का अर्थ
|
निष्क्रय :
|
पुं० [सं० निर्√क्री (विनिमय)+अच्] १. वह धन जो किसी को कोई काम या सेवा करने के बदले या किसी वस्तु का उपयोग करने के बदले में दिया जाय। जैसे–भाड़ा, मजदूरी वेतन। आदि। २. इनाम। पुरस्कार। ३. किसी चीज का दाम। मूल्य। ४. चीजों की अदला-बदली। विनिमय। ५. बेचने की क्रिया या भाव। बिक्री। ६. किसी काम या बात से छुटकारा पाने के लिए उसके बदले में दिया जानेवाला धन। जैसे–(क) यदि गौ दान न कर सके, तो उसका कुछ निष्क्रय दे दो। (ख) ओल में रखा हुआ व्यक्ति प्रायः निष्क्रय देकर छुड़ाया जाता है। ७. शक्ति। सामर्थ्य। ८. उचित धन देकर दूसरों के हाथ में पड़ी हुई चीज अपने हाथ में करना या लेना। (रिडेम्पशन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निष्क्रयण :
|
पुं० [सं० निर्√क्री+ल्युट्–अन] १. निष्क्रय करने की क्रिया या भाव। २. निष्क्रय के रूप में दिया जाने वाला धन या रकम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |