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शब्द का अर्थ

परिस्पंद  : पुं० [सं० परि√स्पंद् (हिलना)+घञ्] १. कापने की क्रिया या भाव। कंप। कँपकँपी। २. दबाना या मलना। ३. ठाट-बाट। तड़क-भड़क। ४. फूलों आदि से सिर के बाल सजाना। ५. निर्वाह का साधन। ६. परिवार। ६. धारा। प्रवाह। ८. नदी। ९. द्वीप। टापू।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिस्पंदन  : पुं० [सं० परि√स्पंद्+ल्युट्—अन] १. बहुत अधिक हिलना। खूब काँपना। २. काँपना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिस्पंद  : पुं० [सं० परि√स्पंद् (हिलना)+घञ्] १. कापने की क्रिया या भाव। कंप। कँपकँपी। २. दबाना या मलना। ३. ठाट-बाट। तड़क-भड़क। ४. फूलों आदि से सिर के बाल सजाना। ५. निर्वाह का साधन। ६. परिवार। ६. धारा। प्रवाह। ८. नदी। ९. द्वीप। टापू।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिस्पंदन  : पुं० [सं० परि√स्पंद्+ल्युट्—अन] १. बहुत अधिक हिलना। खूब काँपना। २. काँपना।
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