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शब्द का अर्थ

फिरंग  : पुं० [अ० फ्रांक] १. यूरोप का देश। गोरों का मुल्क। फिरंगि-स्तान। २. आतशक या गरमी नामक रोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फिरंगिस्तान  : पुं० [अ० फ्रांक+फा० स्तान] फिरंगियों के रहने का देश। गोरों का देश, यूरोप।
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फिरंट  : वि० [अ० फ्रन्ट] प्रतिकूल। विरुद्ध। (केवल व्यक्तियों के सम्बन्ध में प्रयुक्त) जैसे—आजकल वह हमसे फिरंट हो गया है।
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फिरंदर  : वि० [हिं० फिरना=घूमना] १. बराबर इधर-उधर घूमता फिरता रहनेवाला। २. बराबर इधर-उधर घूमते-फिरते रहने या उससे संबंध रखनेवाला। जैसे—फिरंदर अवस्था में रहनेवाली जंगली जातियाँ।
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फिर  : अव्य० [हिं० फिरना] १. जैसा एक बार हो चुका हो, वैसा ही दूसरी बार भी। एक बार और। दोबारा। पुनः जैसे—(क) इस बार तो छोड़ देता हूँ, फिर कभी ऐसा काम मत करना। (ख) उनके मकान के बाद फिर एक बगीचा पड़ता है। पद—फिर-फिर-एक से अधिक बार। बार-बार। २. भविष्य में कभी या किसी समय। जैसे—फिर आना तो बातें होगी। ३. कोई बात हो चुकने पर। पीछे। अनंतर। उपरांत।। बाद। जैसे—जरा उससे बातें शुरू करो, फिर देखो कि वह क्या-क्या करता है। पद—फिर क्या है=तब क्या पूछना है। तब तो कोई अड़चन ही नहीं है। जैसे—अगर आप वहाँ चले जायें तो फिर क्या हैं। ५. इसके अतिरिक्त। इसके सिवाय। जैसे—फिर यह भी तो है कि वह कहाँ जाकर बैठ रहे।
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फिरक  : स्त्री० [हिं० फिरना] एक प्रकार की छोटी गाड़ी जिस पर देहाती लोग चीजों को लादकर इधर-उधर ले जाते हैं। (रुहेलखंड)।
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फिरकना  : अ० [हिं० फिरना] १. फिरकी की तरह घूमना। किस अक्ष पर घूमना या चक्कर लगाना। २. थिरकना। नाचना।
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फिरका  : पुं० [अ० फिर्क] १. जाति। २. वर्ग। ३. गिरोह। जत्था। ४. पंथ। सम्प्रदाय। ५. अफरीदियों, पख्तूनों आदि में कोई विशिष्ट वर्ग जो अलग जाति के रूप में रहता हो।
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फिरकी  : स्त्री० [हिं० फिरकना] १. चमड़े, दफ्ती, धातु आदि का वह गोल या चक्राकार टुकड़ा जो बीच की कीलों को एक स्थान पर टिकाकर उसके चारों ओर घूमता हो। २. लड़कों का एक प्रकार का छोटा खिलौना जो घुमाने से अपनी धुरी पर जोरों से घूमता हुआ चक्कर लगाता है। फिरहरी। भँभीरी। ३. चकई या चकरी नामका खिलौना। ४. धातु, लकड़ी या और किसी चीज का वह गोल टुकड़ा जो चरखे, तकले आदि में लगा रहता है। ५. मालखंभ की एक कसरत जिसमे जिधर के हाथ से मलखंभ लपेटते हैं उसी ओर गर्दन झुकाकर फुर्ती से दूसरे हाथ के कंधे पर मलखंभ को लेते हुए उड़ान करते हैं। ६. कुश्ती का एक दाँव या पेंच।
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फिरकी दंड  : पुं० [हिं०] एक प्रकार की कसरत या दंड करते समय दोनों हाथों को जमीन पर जमाकर उनके बीच में से सिर देकर चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
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फिरकेबंदी  : स्त्री० [फा० फ़िर्कःबंदी] दलबंदी।
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फिरकैया  : स्त्री० [हिं० फिरना] १. घूमने या चक्कर लगाने की क्रिया या भाव। उदाहरण—फिरकैया लै निर्त्त अलायन बिच बिच तान रसीली। -ललित किशोरी। २. दे० ‘फिरकी’।
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फिरगाना  : पुं०=फिरंगी। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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फिरता  : वि० [हिं० फिरना या फेरना] १. जो जाकर फिर आधा हो। लौटा हुआ। २. जो फेर दिया गया हो। लौटाया या वापस किया हुआ। जैसे—फिरता माल। ३. जो घूम-घूम कर फिर रहा हो अथवा घूम-फिर कर कोई काम करता हो। पुं० १. फिरने, लौटने या वापस होने की अवस्था क्रिया या भाव। २. फेरने, लौटाने या वापस करने की क्रिया या भाव। ३. दलाली के रूप में मिलनेवाला धन (दलाल)।
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फिरौदस  : पुं० [अ० फिर्दौस] १. वाटिका। बाग। २. स्वर्ग। बहिश्त।
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फिरदौसी  : वि० [अ० फ़िदौंसी] स्वर्ग में रहनेवाला। पुं० फारसी भाषा का एक महान कवि जिसकी प्रसिद्ध रचना शाहनामा महाकाव्य है।
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फिरना  : अ० [हिं० फिरना का अ०] १. किसी चीज का ऐसी स्थिति में आना, होना या लाया जाना कि वह किसी अक्ष या धुरी पर अथवा किसी विशिष्ट घेरे में या मार्ग पर घूमने या चक्कर खाने लगे। जैसे—(क) चक्की या पहिया फिरना। (ख) मनका या माला फिरना। २. किसी दिशा में घूमना या मुड़ना अथवा घुमाया या मोड़ा जाना। मुड़ना। जैसे—(क) ताले में ताली फिरना। (ख) यह गली आगे चलकर दाहिनी ओर फिर गयी है। ३. किसी मार्ग या पथ पर किसी का घूमना, विशेषतः बार-बार चक्कर लगाना। जैसे—गली में चोरों या शहर में सिपाहियों का फिरना। ४. जहाँ सेकोई चला हो उसका लौटकर फिर वही आना या पहुँचना। वापस लौटना। जैसे—साजन अब क्या फिरेंगे। ५. जो चीज जहाँ से आयी हो उसका वहीं वापस भेजा जाना। जैसे—बिका हुआ माल फिरना। ६. सूचना आदि के रूप में सबके सामने घुमाया जाना। जैसे—(क) डुग्गी या डोंगी फिरना। (ख) दुहाई फिरना। ७. घूम, मुड़ या पलटकर विरुद्ध दिशा में आना। जैसे—पीछे की ओर मुँह फिरना। मुहावरा—जी फिरना=चित्त विरक्त होना। ८. उन्मुख होना। जैसे—ध्यान फिरना। मुहावरा—किसी ओर फिरना=प्रवृत्त होना। ९. लाक्षणिक अर्थ में पहले से बिलकुल विपरीत स्थिति मे आना। दिशा बदलना। जैसे—(क) किस्मत फिरना। (ख) दिन फिरना। १॰. सामान्य या साधारण अवस्था की अपेक्षा हीन अवस्था को प्राप्त होना। जैसे—(क) बुद्धि फिरना। (ख) आँखें फिरना। (मर जाना) मुहावरा—सिर फिरना=बुद्धि भ्रष्ट होना। हर बात उलटी समझ मे आना। ११. कही हुई बात या दिये हुए वचन पर दृढ़ न रहना। मुकरना। १२.किसी तरल पदार्थ का पोता जाना। जैसे—कमरे में चूना या दरवाजों पर रंग फिरना। १३. धीरे से मला जाना। जैसे—सिर पर हाथ फिरना। १४. गुदा से गुह या विष्टा का त्यागा जाना। जैसे—झाड़ा या टट्टी फिरना।
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फिरनी  : स्त्री० [?] चीनी, मेवे आदि से युक्त एक प्रकार का खाद्य जो दूध में चौरठे को उबाल तथा जमाकर तैयार किया जाता है।
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फिरवा  : पुं० [हिं० फिरना] १. गले में पहनने का एक आभूषण। २. सोने के तार में कई फेरे डालकर बनायी जानेवाली अँगूठी।
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फिरवाना  : स० [हिं० फिरना का प्रे०] फेरने का काम दूसरे से कराना।
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फिराई  : स्त्री० [हिं० फिराना] फिराने या फेरने की क्रिया, भाव या मजदूरी।
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फिराऊ  : वि० [हिं० फिरना] १. जो लौट रहा हो। वापस आने या लौटनेवाला। जैसे—फिराऊ मेला। २. जिसके संबंध में यह निश्चय हो कि कोई शर्त पूरी होने या न होने की दशा में फेरा या लौटाया जा सकेगा। जैसे—फिराऊ रेहन। ३. दे० ‘जाक’।
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फिराक  : पुं० [अ० फ़िराक] १. वियोग। बिछोह। २. किसी बात की अपेक्षा या आवश्यकता होने पर उसके संबंध की चिंता या सोच। जैसे—नौकरी के फिराक में इधर-उधर घूमना। स्त्री०=फ्राक। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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फिराद  : (दि) स्त्री०=फरियाद।
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फिराना  : स० [हिं० फिरना] १. फिरने में प्रवृत्त करना। ऐसा काम करना जिससे कोई या कुछ फिरने लगे। २. घुमाया, टहलाया या सैर कराना। ३. चारों ओर चक्कर देना। घुमाना। ४. ऐंठना। मरोड़ना। ५. वापस करना। लौटाया। ६. दे० ‘फेरना’।
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फिरार  : वि०=फरार।
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फिरारी  : स्त्री० [देश०] ताश के खेल में उतनी जीत जितनी एक हाथ चलने में होती है। एक चाल की जीत। वि०=फरार (भागा हुआ)।
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फिरि  : क्रि० वि०=फिर।
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फिरियाद  : स्त्री०=फरियाद।
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फिरियादी  : वि०=फरियादी।
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फिरिश्ता  : पुं०=फरिश्ता।
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फिरिहरा  : पुं० [हिं० फिरना] एक प्रकार की चिड़िया जिसकी छाती लाल और पीठ काले रंग की होती है।
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फिरिहरी  : स्त्री० [हिं० फिरना+हारा (प्रत्यय)] फिरकी नाम का खिलौना।
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फिरौती  : स्त्री० [हिं० फेरना] १. फिरने या फेरने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. वह धन जो दुकानदार किसी बेची हुई वस्तु को वापस लेते वक्त विक्रय-मूल्य में से काट लेते हैं। २. वापस आने या लौटाने का भाव। पद—फिरौती में=आती या लौटती बार। वापसी में।
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फिर्का  : पुं०=फिरका। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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