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ब्राह्य-तपशचर्या  : स्त्री० [सं० कर्म० स०] जैनियों के अनुसार तपस्या का एक भेद जिसमें अनशन, औनोदर्य, वृत्तिसंक्षेप, रसत्याग, कायक्लेश और लीनता ये छः बातें होती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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