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शब्द का अर्थ

भरु  : पुं० [सं०√भृ (भरण करना)+उन्] १. विष्णु। २. शिव। ३. समुद्र। ४ सोना। स्वर्ण। ५. मालिक। स्वामी। पुं० १. =भर। २. =भार। उदाहरण—भावक उभरौहों भयो कछू परयौ भरु आय।—बिहारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
भरुआ  : पुं० [देश०] टसर। पुं० =भड़ुआ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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भरुआना  : अ० [हिं० भारी+आना (प्रत्यय)] भारी होना। स० भारी करना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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भरुका  : पुं० [हिं० भरना] पुरवे के आकार का मिट्टी का बना हुआ कोई छोटा पात्र। चुक्कड़।
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भरुज  : पुं० [सं० भ√रुज् (भंग करना)+क] [स्त्री० भरुजा] १. श्रृंगाल। २. भूना हुआ जौ।
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भरुटक  : पुं० [सं० भृ (भरण करना)+उट+कन्] भूना हुआ मांस।
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भरुहाना  : अ० [हिं,भारी या भारी+आना या होना (प्रत्यय)] अभिमान या घमंड करना। स० [हिं० भ्रम] १. भ्रम में डालना। २. बहकाना। ३. उत्तेजित करना। उकसाना। भड़काना।
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भरुही  : स्त्री० [देश०] कलम बनाने की एक प्रकार की कच्ची किलक। स्त्री०=बरत (पक्षी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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