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मंजिल  : स्त्री० [अ० मंजिल] १. यात्रा के मार्ग में बीच-बीच में यात्रियों के ठहरने के लिए बने हुए नियत स्थान। पड़ाव। मुहा०—मंजिल काटना=एक पड़ाव से चलकर दूसरे पड़ाव तक का रास्ता पार करना। मंजिल देना=कोई बड़ी या भारी चीज उठाकर ले चलने के समय रास्ते में सुस्ताने के लिए उसे कहीं उतारना या रखना। मंजिल मारना=(क) बहुत दूर से चलकर कहीं पहुँचना। (ख) कोई बहुत बड़ा काम या उसका कोई विशिष्ट अंश पूरा करना। २. वह स्थान जहाँ तक पहुँचना हो। अभीष्ट, उद्दिष्ट या नियत स्थान अथवा स्थिति। ३. ऊपर-नीचे बने हुए होने के विचार से मकान का खंड। मरातिब। जैसे—(क) दो (या तीन) मंजिल का मकान। (ख) तीसरी मंजिल की छत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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