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मसाला  : पुं० [फा० मसालह] १. चीजें जिनकी सहायता से कोई चीज तैयार होती हो। सामग्री। जैसे—किताब लिखने या मुकदमा चलाने के लिए ढूँढ़-ढूँढ़कर मसाला इकट्ठा करना। २. औषधियों, रासायनिक द्रव्यों आदि का तैयार किया हुआ वह मिश्रण जिसका उपयोग किसी विशिष्ट कार्य के लिए होता है। जैसे—पान का मसाला, मकान बनाने का मसाला (गारा, चूना आदि) ३. धनियाँ, मिर्च, लौंग, हींग आदि वे पदार्थ जिनका उपयोग दाल, तरकारी आदि को सुगंधित और स्वादिष्ट करने में होता है। ४. सलमा-सितारे बाँकड़ी, गोखरू आदि चीजें जो कपड़ों पर शोभा के लिए बेल-बूटों आदि के रूप टाँकी जाती है। जैसे—अँगिया, ओढ़नी, साड़ी आदि में लगाया जानेवाला मसाला। ५. किसी काम य बात का आधार-भूत साधन। जैसे—लोगों को दिल्लगी उड़ाने का अच्छा मसाला मिल गया। ६. आतिशबाजी जो कई तरह के मसालों से बनती है। ७. युवती और सुन्दरी परन्तु दुश्चरित्रा स्त्री। (बाजारू)। ८. मंगल-भाषित रूप में तेल। जैसे—लालटेन का मसाला खत्म हो गया है, लेते आना। विशेष—प्रायः किसी के चलते समय तेल का नाम लेना अशुभ समझा जाता है, इसीलिए प्रायः स्त्रियाँ इसे मसाला कहती हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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