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मारना  : स० [सं० मारण] १. ऐसा आघात या क्रिया करना जिससे किसी के प्राण निकल जायँ। आयु या जीवन का अंत करना। जैसे—(क) यह दवा कई तरह के जहरीले कीड़े मारती है। (ख) इसने कल एक सांप मारा था। मुहावरा—(किसी को) मार गिराना=आघात या प्रहार करके प्राण लेकर अथवा मृतप्राय करके जमीन पर गिराना जैसे—सिपाहियों ने चार डाकू मार गिराये। संयो० क्रि०—डालना।—देना। २. क्रोध में आकर दंड देने या बदला चुकाने के लिए किसी के शरीर पर थप्पड़, मुक्का, लात आदि से या छड़ी, बेंत आदि से बार-बार आघात या प्रहार करना। जैसे—उसने नौकर को मारते-मारते बेहोश कर दिया। पद—मारना-पीटना। ३. कोई चीज किसी दूसरी चीज पर इस प्रकार जोर से गिराना या फेकना कि वह जाकर टकरा जायँ और स्वयं क्षतिग्रस्त हो अथवा दूसरी चीज को क्षतिग्रस्त करे। जैसे—चिड़ियों को ढेले-पत्थर मारना। मुहावरा—किसी के दे मारना=उठाकर जोर से गिराना, पटकना या फेंकना। उदाहरण—मेरा दिल लेके शीशे की तरह पत्थर पे दे मारा।—कोई शायर। ४. साधारण रूप से कोई चीज किसी दूसरी चीज पर पटकना। जैसे—यही बात पक्की रही, लाओ मारो हाथ। (अर्थात् पक्का वचन दो) ५. आखेट में किसी जीव या जंतु के प्राण लेना। शिकार करना। जैसे—कबूतर, मछली, शेर या हिरन मारना। ६. जीव-जंतुओं के अपने किसी अंग से किसी पर आघात या प्रहार करना अथवा घाव या जख्म करना। जैसे—बर्रे या बिच्छू डंक मारता है, घोड़ा लात मारता है, बैल सींग मारता है, कुत्ता दाँत मारता है आदि। ७. किसी क्रिया से किसी चीज का आगे बढ़ा हुआ अंश या अंग काटना, निकालना या मोड़ना। जैसे—(क) बढ़ई ने रंदे से इसका किनारा मार दिया है। (ख) तुमने कागज काटते-काटते कैंची (या चाकू) की धार मार दी। ८. किसी प्रकार का परिणाम या फल उत्पन्न करने के लिए कोई अंग इधर-उधर या ऊपर-नीचे हिलाना। जैसे—(क) चिड़ियों के उड़ने के लिए पर मारना। (ख) बंधन से छूटने के लिए हाथ-पैर मारना अर्थात् यथा-साध्य प्रयत्न करना। ९. किसी पदार्थ के तत्त्व का सार-भाग कम या नष्ट करके उसे निरर्धक या निर्बल करना। जैसे—यह दवा कई तरह के जहर मारती है। १॰. वैद्यक में रासायनिक प्रक्रियाओं से धातु आदि का भस्म तैयार करना। जैसे—पारा मारना, सोना मारना। ११. किसी को किसी प्रकार से या किसी रूप में अक्रिय, अयोग्य या निकम्मा करके किसी काम या बात के योग्य न रहने देना। बुरी तरह से नष्ट या बरबाद करना। जैसे—(क) हमें तो रात-दिन की चिंता ने मारा है। (ख) उन्हें तो ऐयाशी (या शराबखोरी) ने मारा है। १२. बहुत अधिक मानसिक या शारीरिक कष्ट देकर तंग, दुःखी या परेशान करना। (प्रायः किसी दूसरी क्रिया के साथ संयोज्य क्रिया के रूप में) जैसे—(क) इस लड़के की नायालकी ने तो हमें जला मारा (या सता मारा) है। (ख) आज तो तुमने नौकर को दिन भर दौड़ा मारा। पद—किसी चीज या बात का मारा=किसी चीज या बात के कारण बहुत अधिक त्रस्त या दुःखी। जैसे—आफत का मारा, भूख का मारा, रोटियों का मारा आदि। १३. द्वेष या वैरमूलक लड़ाई-झगड़ा, विवाद आदि के प्रसंग में विपक्षी या विरोधी को परास्त करते हुए नीचा दिखाना या वश में करना। जैसे—इस चुनाव में इन्होंने उसे ऐसा मारा है कि अब वह कभी इनके मुकाबले में खड़ा होने का नाम न लेगा। पद—वह मारा=बस अब परास्त करके वश में कर लिया। पूरी तरह से जीत लिया और हरा दिया। उदाहरण—वह मारा अब कहाँ जाती है। आज का शिकार तो बहुत नफीस है।—राधाकृष्णदास। १४. खेल, प्रतियोगिता आदि के प्रसंग में विपक्षी को हराकर विजय प्राप्त करना। (स्वयं खेल के सम्बन्ध में भी और खेलाड़ी के सम्बन्ध में भी। जैसे—(क) कुश्ती या बाजी मारना=जीतना। (ख) एक पहलवान को दूसरे पहलवान का मारना=पछाड़ना। १५. गंजीफे, ताश, शतरंज आदि खेलों में विपक्षी के पत्ते, गोट आदि जीतना। जैसे—(क) प्यादे से हाथी मारना। (ख) दहले से नहला मारना। १६. किसी प्रकार का मानसिक या शारीरिक वेग दबाना या रोकना। जैसे—(क) मन मारना=मन में होनेवाली इच्छाएँ दबाना। (ख) प्यास या भूख मारना=प्यास या भूख लगने पर भी पानी भी न पीना या भोजन न करना। उदाहरण—रिस उर मारि रंक जिमि राजा।—तुलसी। १७. अनुचित रूप से, चालबाजी से या बलपूर्वक किसी का धन, संपत्ति या कोई चीज प्राप्त करके अपने अधिकार में करना। जैसे—(क) किसी को गठरी मारना। (ख) किसी का माल या रुपया मारना। मुहावरा—मार खाना=उक्त प्रकार से प्राप्त करके अधिकार मे कर लेना। जैसे—स सौदे में उसने सौ रुपये मार खाये। मार रखना= अनुचित रूप से दबाकर अपने पास रख लेना। जैसे—अभी तो यह किताब मार रखो, फिर देखा जायगा। मार लेना=अनुचित रूप से प्राप्त करके अपने अधिकार में कर लेना। जैसे—इस सौदे में उसने भी सौ रूपये मार लिये। १८. कुछ विशिष्ट क्रियाओं के संबंध मेंपूरा या सम्पन्न करना। जैसे—पानी मे गोता मारना, किसी के चारों ओर चक्कर मारना। सिलाई करने के लिए टाँका मारना। १९. किवाड़े या ताले के संबंध में ऐसी क्रिया करना कि वह बंद हो जाय, खुला न रहे। जैसे—(क) कोठरी का दरवाजा मारना। (ख) दरवाजे में ताला मारना। (पश्चिम) २॰.मैथुन या सम्भोग करना। (बाजारू)। विशेष—अनेक क्रियाओं के साथ संयो०क्रिया के रूप में भी और अनेक संज्ञाओं के साथ क्रि० प्र० के रूप में भी मारना का प्रयोग अनेक प्रकार के भाव प्रकट करने के लिए होता है। उनमें मुख्य भाव तीन हैं- (क) किसी प्रकार के आघात या क्रिया से उपेक्षापूर्वक अंत या समाप्त करना। जैसे—किसी के लिखे हुए लकीर मारना। किसी चीज को लात मारना, किसी काम या बात की गोली मारना आदि। (ख) किसी प्रकार का प्रभाव विशेषतः दूषित प्रभाव उत्पन्न करना। जैसे—जादू या मंतर मारना, किसी आदमी को पीस मारना। (ग) कोई क्रिया कष्ट रूप से या बुरी तरह से पूरी या सम्पन्न करना। जैसे—गाल मारना, डींग मारना, दम मारना, कोई चीज किसी के सिर मारना (उपेक्षापूर्वक देना या फेंकना) २१. किसी काम या बात के लिए मगज या सिर मारना अर्थात् बहुत अधिक मानसिक परिश्रम करना आदि। २२. कुछ अवस्थाओं में इसका प्रयोग (मुहावरे के प्रयोग में) अकर्मक क्रिया के रूप में भी होता है। जैसे—(क)यह सुनते ही उसे काठ मार गया, अर्थात् वह काष्ठ के समान स्तब्ध हो गया। (ख) सारी फसल को पाला मार गया (लग गया है) (ग) उसके भाई को लकवा मार गया, (अर्थात् हो गया) है। ऐसे प्रयोगों के ठीक अर्थों के लिए सम्बद्ध क्रियाएँ या संज्ञाएँ देखनी चाहिए।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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