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मुलम्मा  : वि० [अ० मुलम्मः] चमकता हुआ। पुं० १. सस्ती धातुओं पर रासायनिक प्रक्रियाओं से किया हुआ बहुमूल्य धातु का ऐसा लेप जिसमें वह देखने में सुन्दर और बहुमूल्य जान पड़ती हो। जैसे—गिलट पर चाँदी का मुलम्मा, चाँदी पर सोने का मुलम्मा। क्रि० प्र०—करना।—चढ़ना।—चढ़ाना।—होना। २. कलई। ३. किसी साधारण या तुच्छ चीज को आकर्षण रूप देने की क्रिया या भाव। ४. ऊपर या बाहर से बनाया हुआ कोई ऐसा रूप जिसमें अन्दर की त्रुटि या दोष दब जाय, और देखने पर चीज आकर्षक और बहुमूल्य जान पड़े। ५. ऊपरी तड़क-भड़क।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
मुलम्माकार, मुलम्मागर  : पुं० दे० ‘मुलम्मासाज’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
मुलम्मासाज  : पुं० [अ० मुलम्मः+फा० साज] [भाव० मुलम्मासाजी] १. मुलम्मा करनेवाला कारीगर। मुलमची। २. वह व्यक्ति जो साधारण-सी बात को चिकनाकर बहुत ही आकर्षण रूप में प्रस्तुत करता हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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