शब्द का अर्थ
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राज्य :
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पुं० [सं० राजन्+यक्] १. राजा का काम। शासन। २. वह क्षेत्र जिस पर किसी राजा का शासन हो। जैसे—नेपाल या भूटान राज्य। ३. आज-कल निश्चित सीमाओंवाला वह भूखंड जिसकी प्रभुसत्ता उसके निवासियों में ही निहित हो। ४. किसी संघ-राज्य की कोई इकाई। (भारत) (स्टेट अंतिम तीनों अर्थों में)। |
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राज्य-कर्ता (र्तृ) :
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पुं० [सं० ष० त०] १. राजा। २. राज्य का सर्वोच्च शासक। ३. राज्य कर्मचारी। |
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राज्यक्ता :
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स्त्री० [सं० राजि-अक्ता, तृ० त०] रायता। |
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राज्य-क्षेत्र :
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पुं० [सं० ष० त०] १. वह सारा-भूखंड जिसमें कोई व्यवस्थित राज्य या शासन हो। २. किसी राज्य के अंतर्गत कोई क्षेत्र। (टेरीटरी) |
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राज्य-च्युत :
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भू० कृ० [सं० ष० त०] [भाव० राज्य-च्युति] राजसिंहासन से उतारा या हटाया हुआ। |
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राज्य-च्युति :
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स्त्री० [सं० ष० त०] राजा को सिहासंन से उतारने या हटाने की क्रिया या भाव। |
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राज्य-तंत्र :
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पुं० [सं० ष० त०] १. राज्य की शासन-प्रणाली। २. शासन की वह प्रणाली जिसमें किसी राज्य का प्रधान शासक राजा होता है। ३. दे० ‘राजतंत्र’। |
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राज्य-द्रव्य :
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पु० [सं० पं० त०] वे मंगल वस्तुएँ जिनका उपयोग नये राजा को राजसिंहासन पर बैठाते समय होता है। |
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राज्य-धुरा :
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स्त्री० [सं० प० त०] १. राज्य-शासन। २. शासन का उत्तरदायित्व। |
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राज्य-निधि :
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स्त्री० [सं० ष० त०] वह निधि जो राज्य अपने विशिष्ट कार्यों के लिए सुरक्षित रखता है। (स्टेट फण्डस) |
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राज्य-परिषद् :
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स्त्री० [सं० ष० त०] गणतंत्र भारत की दो सर्वोच्च विधि-निर्मात्री संस्थाओं में से एक जिसके सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रीति से होता है। दूसरी संस्था ‘लोकसभा’ है जिसके सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता है। |
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राज्यपाल :
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पुं० [सं० राज्य√पाल् (रक्षा)+णिच्+अण्] भारत-संघ के अन्तर्गत किसी राज्य का प्रधान शासक जिसका मनोनयन राष्ट्रपति करते हैं (गवर्नर)। |
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राज्यप्रद :
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वि० [ष० त०] राज्य देनेवाला। जिससे राज्य मिलता हो। |
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राज्य-भंग :
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पुं० [ष० त०] वह अवस्था जिसमें किसी राज्य की प्रभुसत्ता नष्ट हो जाती है। |
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राज्य-लक्ष्मी :
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स्त्री० [ष० त०] १. राज्य का वैभव और सम्पत्ति। राज्यश्री। २. विजयलक्ष्मी। |
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राज्यसभा :
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स्त्री० [सं०] भारतीय शासन में वह विधि-निर्मात्री सभा जिसमें राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं। लोक सभा से भिन्न। |
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राज्यांग :
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पुं० [सं० राज्य-अंग, ष० त०] राज्य के साधक अंग जिन्हें प्रकृति भी कहते हैं। जैसे—आमात्य, कोष, ०दुर्ग बल आदि। |
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राज्याभिषिक्त :
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भू० कृ० [सं० राज्य-अभिषिक्त, ष० त०] जिसका राज्याभिषेक हुआ हो। |
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राज्यभिषेक :
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पुं० [सं० राज्य-अभिषेक, स० त०] १. प्राचीन भारत में राजसिंहासन पर बैठने के समय या राजसूय यज्ञ में होनेवाला राजा का अभिषेक जो वेद के मंत्रों द्वारा पवित्र तीर्थों के जल और ओषधियों से कराया जाता था। २. किसी नये राजा का राजसिंहासन पर बैठना या बैठाया जाना। राजगद्दी पर बैठने के कृत्य। राज्यारोहण। ३. उक्त अवसर पर होनेवाला उत्सव या समारोह। |
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राज्योपकरण :
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पुं० [सं० राज्य-उपकरण, ष० त०] राजोपकरण। (दे०) |
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