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लड़ना  : अ० [सं० रणन] [भाव० लड़ाई] १. आपस में शारीरिक बल का प्रयोग करते हुए एक दूसरे को घायल करने, चोट पहुँचाने या मार डालने के उद्देश्य से घात-प्रतिघात करना। लड़ाई करना। भिड़ना। जैसे—पशुओं या सैनिकों का आपस में लड़ना। २. आपस में एक-दूसरे को गिराने, दबाने, नीचे दिखाने आदि के लिए ऐसी क्रिया, आचरण या व्यवहार करना जिसमें शक्ति का प्रयोग होता हो। जैसे—कचहरी में मुकदमा लड़ना। ३. आर्थिक, बौद्धिक, शारीरिक आदि बलों का प्रयोग करते हुए विपक्षी या विरोधी को परास्त करने या हराने के लिए उपाय या क्रिया करना। जैसे—(क) शास्त्रार्थ के समय पंडितों का आपस में लड़ना। (ख) अखाड़े में पहलवानों का लड़ना। ४. अपने पक्ष या स्थापन करने के लिए अशिष्टतापूर्वक बातचीत या वाद-विवाद करना। झगड़ना। जैसे—ये लोग जरा-जरा सी बात पर रोज यों ही घंटों लड़ते रहते हैं। पद—लड़ना-भिड़ना। संयो० क्रि०—जाना।—पड़ना।—बैठना। ५. दो वस्तुओं का वेग के साथ एक दूसरे से जा लगना। टक्कर खाना। टकराना। भिड़ना। जैसे—रेलगाड़ियों का लड़ना, मोटर से बैलगाड़ी का लड़ना। ६. दो ऐसे अंगों का परस्पर रगड़ खाना जिनमें वस्तुतः कुछ दूरी होना चाहिए। जैसे—(क) टायर का रिम से लड़ना। (ख) जाँघों का लड़ना। ७. ऐसी स्थिति में आना, पहुँचना या होना जिसमें हार-जीत का प्रश्न हो अथवा निकट विरोधी परिस्थियों का सामना करना पड़ता हो। जैसे—(क) किसी काम में जान लड़ना। (ख) किसी बात में बुद्धि लडना। (ग) रोजगार में रुपये या जूए में माल लड़ना। ८. ऐसी स्थित में आना या पहुँचना कि ठीक तरह से बराबरी या सामना हो अथवा किसी प्रकार की अनुकूलता या समानता सिद्धि होती हो। जैसे—(क) किसी से आँखें लड़ना। (ख) एक ही बात से दूसरे की बात लड़ना। मुहावरा—हिसाब लड़ना= (क) जोड़, बाकी आदि का लेखा या हिसाब ठीक और पूरा उतरना। (ख) किसी काम या बात के लिए अनुकूल या उपयुक्त अवसर मिलना या सुभीता निकलना। ९. किसी जानवर का आकर काटना या डंक मारना। जैसे—उसे कुत्ता (या बिच्छू) लड़ गया है (पश्चिम)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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