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लहराना  : अ० [हिं० लहर+आना (प्रत्यय)] १. तरल पदार्थों का लहरों से युक्त होना। लहरें उठना। तरंगित होना। जैसे—तालाब या नदी का (अथवा उसके पानी का) लहराना। २. किसी तल या विस्तार में रह-रहकर ऐसी कंपन युक्त गति होना जो कभी कुछ ऊपर नीचे या इधर-उधर भी होती है या चलती हो। जैसे—(क) खेतों में फसल या हरियाली का लहराना। (ख) हवा में झंडा या सिर के बाल लहराना। ३. लहरों की तरह कभी कुछ इधर और कभी कुछ उधर होते हुए उठना, चलना या बढ़ना। जैसे—(क) सांप लहराता हुआ चलता है। (ख) पहाड़ी झरने या रास्ते लहराते हुए चलते हैं। (ग) हवा चलने पर आग की लपटे लहराती है। ४. मन की लहर अर्थात् उमंग या उल्लास में आना। जैसे—वसंत ऋतु की हवा लगने पर मन लहराने लगता है। ५. कोई चीज पाने या लेने के लिए मन लहराना। ६. किसी प्रकार की छवि या शोभा से युक्त होना। फबना। लसना। जैसे—पर्वतों पर (या वन में) प्रकृति की शोभा लहरा रही थी। स० [हिं० लहर+आना (प्रत्यय)] १. हवा के झोके में लहरों की तरह इधर-उधर हिलाना-डुलाना या हिलने-डुलने के लिए छोड़ देना। जैसे—सिर के बाल लहराना। २. सीधे न चलकर लहरों की तरह इधर-उधर होते हुए झोके खाते हुए चलना या बढ़ना। ३. किसी चीज को हाथ में लेकर इधर-उधर गति देना। जैसे—बच्चों को गोद में लहराना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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