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संक्रांत  : पुं० [सं० सम√ क्रम् (चलना)+क्त] १. दायभाग के अनुसार वह धन जो कई पीढ़ियों से चला आ रहा हो। २. दे० ‘संक्रांति’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संक्रांति  : स्त्री० [सं० सम्√ क्रम् (चलना)+क्तिन्] १. सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में जाना। २. वह समय जब सूर्य एक राशि पार करके दूसरी राशि में पहुँचता है। ३. वह दिन जिसमें सूर्य का उक्त प्रकार का संचार होता है और इसीलिए जो हिन्दुओं में पर्व या पुण्यकाल माना जाता है। ४. अंतरण या हस्तांतरण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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